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दक्षिण कोरिया के निलंबित राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

दक्षिण कोरिया के निलंबित राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

लेखन गजेंद्र
Dec 31, 2024
01:02 pm

क्या है खबर?

दक्षिण कोरिया की एक कोर्ट ने आपातकाल मार्शल लॉ लगाने के दोषी निलंबित राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को मंजूरी दे दी। द गार्डियन के मुताबिक, यून की गिरफ्तारी की मांग कर रहे संयुक्त जांच दल ने बताया कि सियोल की कोर्ट ने वारंट को मंजूरी दी है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं कि पुलिस इसे निष्पादित कर पाएगी या नहीं। वारंट 6 जनवरी तक वैध है। यून के वकील यून कब-क्यून ने इसकी निंदा की है।

आदेश

जांच के आदेश का कर रहे उल्लंघन

जांच अधिकारियों का कहना है कि महाभियोग लगाए गए नेता यून 3 समन देने के बाद भी पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए, जिसके लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही थी। उनके खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग और विद्रोह की साजिश रचने के आरोपों की जांच चल रही है। यून के वकील का कहना है कि जांच प्राधिकरण के बिना किसी एजेंसी के अनुरोध पर जारी किया गया गिरफ्तारी वारंट और तलाशी और जब्ती वारंट अवैध और अमान्य है।

गिरफ्तारी

गिरफ्तारी की संभावना कम

रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा ने उनके कार्यालय और आवास की कोर्ट द्वारा आदेशित तलाशी को रोक दिया है, जिससे उनकी आवास पर तत्काल गिरफ्तारी की संभावना नहीं है। जांच अधिकारी राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा के साथ समन्वय करना चाहते हैं। हालांकि, गिरफ्तारी वारंट के निष्पादन में बाधा डालने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि यून को गिरफ्तारी के बाद पुलिस स्टेशन या सियोल हिरासत केंद्र में रखा जा सकता है।

इतिहास

इतिहास में पहली बार गिरफ्तारी वारंट जारी

दक्षिण कोरिया के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। मंगलवार को सुबह से ही सियोल में यून के आवास के बाहर पुलिस तैनात है, ताकि अशांति को रोका जा सके। यहां यून के समर्थकों का भी जमावड़ा है। दक्षिण कोरिया के कानून के मुताबिक, सैन्य रहस्यों से जुड़े स्थानों की तलाशी उसके प्रभारी की अनुमति के बिना नहीं ले सकते, ऐसे में यून की स्वेच्छा जरूरी है।

आपातकाल

3 दिसंबर को लगाया था मार्शल लॉ

3 दिसंबर को यून ने विपक्षी पार्टियों पर देश में व्यवधान पैदा करने का आरोप लगाते हुए रात में आनन-फानन में आपातकालीन मार्शल लॉ लगा दिया था। हालांकि, मार्शल लॉ को रात में 6 घंटे बाद संसद में रद्द कर दिया गया और राष्ट्रपति यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया। 14 दिसंबर को महाभियोग के पक्ष में 204 वोट, जबकि विपक्ष में 85 वोट पड़े। यून को राजनीतिक संकट पैदा करने का दोषी पाते हुए कर्तव्यों से हटाया गया।