डोनाल्ड ट्रंप ने USAID विदेशी सहायता अनुबंधों में 90 प्रतिशत की कटौती की, क्या होगा असर?
क्या है खबर?
अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) के विदेशी सहायता अनुबंधों में 90 प्रतिशत से अधिक की कटौती की है।
इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन ने वैश्विक सहायता में कुल 6,000 करोड़ डॉलर (लगभग 5.3 लाख करोड़ रुपये) को समाप्त कर दिया है।
ट्रंप प्रशासन ने USAID और विदेश विभाग द्वारा विदेशी सहायता प्रदान करने के तरीके में और अधिक बदलाव की योजना बनाई है।
असर
USAID की गिनती की परियोजनाएं बचेंगी
ट्रंप प्रशासन की इस बड़ी कटौती के बाद USAID की सभी परियोजनाओं का जारी रह पाना मुश्किल होगा। ऐसे में अब सिर्फ गिनती की परियोजनाएं ही बचेंगी।
इससे अधिवक्ताओं के लिए चल रही कानूनी लड़ाइयों में उन्हें चुनौती देने की गुंजाइश काफी कम हो जाएगी।
यह फैसला दशकों की उस नीति के हटने का संकेत हैं, जिसके तहत अर्थव्यवस्थाओं को स्थिर करने, गठबंधनों को मजबूत करने और विदेशों में अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने का एक रणनीतिक उपकरण था।
विवाद
क्या है UASID?
USAID अमेरिका की विदेशी सहायता एजेंसी है। इसकी स्थापना 1961 में हुई थी। इसके जरिए अमेरिका दुनियाभर के कई देशों की आर्थिक मदद करता है।
यह एजेंसी भारत समेत दुनिया के कई देशों में अरबों की मदद बांटती है। USAID के 100 से अधिक देशों में मिशन हैं और 60 से अधिक देशों में कार्यालय हैं, जिनमें 10,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।
ये गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण, खाद्यान्न, शिक्षा और मानवीय सहायता से जुड़े कार्यक्रम चलाती है।