खास तरीके से इस देश में बनाया गया है क्रिसमस ट्री, बना सकता है वर्ल्ड रिकॉर्ड
दुनियाभर में कई जगह प्लास्टिक का इस्तेमाल वर्जित है, क्योंकि इसके इस्तेमाल की वजह से पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है, जिसके चलते यह केवल भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए चुनौती बन चुका है। ऐसे में प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण का संदेश देने के लिए उत्तरी लेबनान में क्रिसमस पर विशेष चीज का निर्माण किया गया। दरअसल, यहां पर कई प्लास्टिक बोतलों का इस्तेमाल कर दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिसमस ट्री बनाया गया है। आगे पढ़ें।
कहां पर बनाया गया है ये क्रिसमस ट्री?
जानकारी के मुताबिक, उत्तरी लेबनान के चेक्का गांव में यह क्रिसमस ट्री बनाने के लिए करीब 1 लाख 20 हजार प्लास्टिक बोतलों का इस्तेमाल कर 28.5 मीटर लम्बा क्रिसमस ट्री बनाया गया है। आपको बता दें कि गांव वालों ने मिलकर इस ट्री को 20 दिन में तैयार किया है। गांववालों के अनुसार, प्लास्टिक बोतलों से बना यह क्रिसमस ट्री दुनिया का सबसे विशाल क्रिसमस ट्री है, जो जल्द ही गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होगा।
छह माह पहले शुरू हुई थी इस क्रिसमस ट्री को बनाने की तैयारी
जानकारी के अनुसार, क्रिसमस ट्री बनाने की तैयारी 6 महीने पहले से ही शुरू हो चुकी थी। गांववालों ने सोशल मीडिया की मदद से लगातार 6 महीने तक इसको बनाने के लिए इतनी बोतलें इकट्ठी की हैं। इस ट्री की प्रोजेक्ट हेड कैरोलिनी छेबिटिनी का कहना है कि यह क्रिसमस ट्री दुनियाभर के लोगों को प्लास्टिक से पर्यावरण सुरक्षित रखने का संदेश देगा, जिसके चलते लोगों ने भी इस पहल का बढ़-चढ़कर साथ दिया है।
कैरोलिनी ने इस ट्री को लेकर बताई कुछ अहम बातें
कैरोलिनी ने यह भी कहा कि बोतलों को इकट्ठा करने के लिए सोशल मीडिया पर लोगों से बोतलों को फेंकने की जगह उन्हें देने की अपील की गई थी। क्रिसमस ट्री को करीब डेढ़ महीने तक लोगों के लिए रखा जाएगा। इसके बाद इन बोतलों को रिसाइकल किया जाएगा, साथ ही इसके लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन भी किया गया है। इसके लिए संस्था ने उन्हें क्रिसमस ट्री से जुड़े साक्ष्य और जानकारी भेजने को कहा है।
इससे पहले भी प्लास्टिक की बोतलों से बनाया जा चुका है क्रिसमस ट्री
प्लास्टिक बोतलों से क्रिसमस ट्री बनाने का मामला कोई नया नहीं है, दरअसल इससे पिछले साल पहले मेक्सिको में भी प्लास्टिक की बोतलों से एक क्रिसमस ट्री तैयार किया गया था। 22 टन के इस ट्री को मेक्सिको की संस्था गोर्बियर्नो डेल एस्टडो डे एगुआस्केलिनेट्स ने तैयार किया था। उस समय भी प्रोजेक्ट से जुड़े यूसेफ-अल-शेख का कहना है कि यह ट्री पर्यावरण को बचाने की पहल का हिस्सा है जिससे की देश को प्लास्टिक मुक्त करने में मदद मिलेगी।