टेनिस यूएस ओपन: जानें कौन हैं फेडरर को चौंकाने वाले हरियाणा के लाल सुमित नागल

यूएस ओपन (US Open) में आज सुबह खेले गए मुकाबले में भले ही भारतीय खिलाड़ी सुमित नागल को हार झेलनी पड़ी, लेकिन उन्होंने अपने खेल से सभी भारतवासियों का दिल जीत लिया। सुमित का ग्रैंडस्लैम सिंगल्स में यह पहला मुकाबला था और उनके सामने स्विटरलैंड के दिग्गज खिलाड़ी रोजर फेडरर थे। फेडरर को पहले सेट में नागल ने 6-4 से हरा दिया था, लेकिन उसके बाद वह एक भी सेट नहीं जीत सके।
ग्रैंडस्लैम फाइनल्स के लिए क्वालीफाई करने के लिए नागल ने अपना अंतिम मुकाबला ब्राज़ील के होआओ मेनेहेज के खिलाफ खेला था। सुमित ने पहला सेट गंवाने के बाद मुकाबला 5-7, 6-4, 6-3 से जीता और फाइनल्स में जगह बनाई। 2010 से अब तक सोमदेव देवबर्मन, युकी भांबरी, साकेत मायनेनी और प्रजनेश गुणेश्वरन के बाद सुमित ग्रैंडस्लैम फाइनल्स में जगह बनाने वाले पांचवे भारतीय खिलाड़ी बने हैं।
सुमित क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन उनके पिता, जो फौज से रिटायर हो चुके हैं, को टेनिस पसंद था। उन्होंने अपने बेटे पर टेनिस खेलने के लिए दबाव नहीं बनाया, लेकिन उन्हें सात साल की उम्र में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स लेकर गए। वहां जाने के बाद सुमित के मन में टेनिस खिलाड़ी बनने का विचार आ चुका था और उन्होंने अपने पिता की पसंद के मुताबिक रैकेट थाम लिया।
सुमित का जन्म 16 अगस्त, 1997 को हरियाणा के झज्जर जिले के जैतपुर नामक गांव में हुआ था। वहां पर टेनिस का बढ़िया कोच नहीं मिल पाने के कारण उनका परिवार दिल्ली के नागलोई में आकर बस गया। सुमित के पिता उन्हें हर बढ़िया से बढ़िया कोच के पास लेकर गए और लगभग छह अलग-अलग जगहों पर उन्हें प्रैक्टिस कराई।
सुमित जब लगभग 10 साल के थे तभी महेश भूपति ने एक कंपनी की टैलेंट सर्च में सुमित की प्रतिभा को पहचाना था। इसके बाद दो साल के लिए सुमित बैंगलोर स्थित भूपति की अकादमी में ट्रेनिंग के लिए गए। कंपनी का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा हो जाने के बाद भी भूपति ने सुमित की पूरी जिम्मेदारी लेने का फैसला किया और अब तक वह उनकी मदद कर रहे हैं।
विश्व के तीसरे नंबर के खिलाड़ी के खिलाफ उतरने वाले 190वीं रैंकिंग के सुमित ने पहला सेट 6-4 से जीत लिया था। हालांकि, इसके बाद स्विस सुपरस्टार ने सुमित को वापसी करने का मौका नहीं दिया और लगातार तीन सेट 6-1, 6-2, 6-4 से जीतते हुए मुकाबला अपने नाम कर लिया। फेडरर के खिलाफ पहला सेट जीतने वाले नागल पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। पहले सेट में फेडरर ने 19 गलतियां की थीं।
मैच के बाद फेडरर ने नागल की तारीफ करते हुए कहा, "उसे पता है कि वह क्या कर सकता है और इसी कारण मुझे लगता है कि उसका करियर काफी शानदार रहने वाला है। उसका भविष्य काफी उज्जवल है।"