#KabaddiKeHero: चोट के डर से छोड़ रहे थे कबड्डी, आज हैं कबड्डी के पोस्टर ब्वॉय

प्रो कबड्डी लीग ने इंडिया में कबड्डी खिलाड़ियों की स्थिति को सुधारने का काम किया है। उत्तर प्रदेश से क्रिकेट में तो कई बड़े खिलाड़ी निकले हैं लेकिन कबड्डी में भी उत्तर प्रदेश का एक शेर मैट पर दहाड़ रहा है। 'कबड्डी के हीरो' सीरीज की पहली दो किस्तों में हमने आपको प्रदीप नरवाल और कैप्टन कूल अनूप कुमार की कहानी बताई थी। उत्तर प्रदेश के शेर राहुल चौधरी की कहानी के साथ प्रस्तुत है सीरीज की तीसरी किस्त।
राहुल का जन्म 16 जून, 1993 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के जलालपुर नामक गांव में हुआ था। बचपन में राहुल डिफेंडर के तौर पर कबड्डी खेलते थे लेकिन फिर उन्हें समझ आया कि ज़्यादा महत्व रेडर का होता है। हालांकि उन्हें प्रोफेशनल कबड्डी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और उन्हें बस इतना ही पता था कि सामने वाली टीम के खिलाड़ी को छूकर भागने पर एक अंक मिलता है।
राहुल ने गांव में ही कबड्डी खेली थी और उन्हें इसके नियम-कायदे नहीं पता थे। जब वे पहली बार कबड्डी टूर्नामेंट खेलने सीतापुर पहुंचे तो उत्तर प्रदेश की गोल्ड मेडलिस्ट टीम से उनका सामना हुआ। पहली रेड में ही राहुल को विपक्षियों ने पटक दिया, जिसके बाद राहुल ने चोट के डर से कबड्डी छोड़ने का मन बना लिया। गांव आकर राहुल क्रिकेट खेलने लगे थे क्योंकि उन्हें लगता था कि कबड्डी में गहरी चोट लग सकती है।
राहुल के मुताबिक उनके गांव में युवाओं के बस दो ही शौक होते थे। पहला कबड्डी खेलना और दूसरा सेना में भर्ती होना। लगभग एक साल तक राहुल ने भी आर्मी में जाने के लिए भरपूर तैयारी की और रोजाना स्टेडियम जाकर दौड़ना शुरू किया। 6 फीट लंबे राहुल शारीरिक तौर पर काफी फिट हैं लेकिन उस समय उनका वजन काफी कम था। इसी वजह से वो सेना में नहीं जा पाए। बाद में कबड्डी ने उनका जीवन बदल दिया।
लगभग सभी चाहते हैं कि उनका नाम बड़ा हो, लोग उन्हें जानें और उन्हें खूब सारी ख्याति मिले। राहुल का भी बचपन से ही सपना था कि वो बहुत बड़े आदमी बनें लेकिन उन्हें अपना लक्ष्य नहीं पता था। उन्हें बस नाम कमाना था। चाहे वो पढ़ाई करके हो या फिर किसी खेल के द्वारा। धीरे-धीरे राहुल को समझ आया कि उनका सपना कबड्डी ही पूरा कर सकती है तो उन्होंने अपना पूरा ध्यान कबड्डी में लगा दिया।
राहुल 2016 कबड्डी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे। साउथ एशियन गेम्स 2016 और एशियन कबड्डी चैंपियनशिप 2017 में भी राहुल भारत के लिए खेल चुके हैं। 2018 में एशियन गेम्स तथा दुबई कबड्डी मास्टर्स में भी राहुल ने हिस्सा लिया था।
राहुल को 2014 में तेलुगु टाइटंस ने खरीदा था। पहले सीजन से लेकर अब तक राहुल एक ही टीम में बने हुए हैं। इस सीजन तेलुगु ने राहुल को Rs. 1 करोड़ 29 लाख में रिटेन किया है। प्रो कबड्डी इतिहास में 400 से ज़्यादा रेड अंक बनाने वाले राहुल पहले रेडर बने थे। लीग इतिहास में राहुल के नाम सबसे ज़्यादा 811 अंक दर्ज हैं। राहुल को 'रेड मशीन' के नाम से भी जाना जाता है।