प्रो कबड्डी लीग: जानें लीग के सारे नियम और अहम जानकारियां
प्रो कबड्डी लीग का छठा सीजन चल रहा है और लीग काफी ज्यादा मशहूर हो चुकी है। हर सीजन कुछ नए खिलाड़ी निकलकर आते हैं तो वहीं कुछ बड़े खिलाड़ियों ने लगातार अपनी छाप छोड़ी है। मंजीत छिल्लर, अजय ठाकुर, अनूप कुमार और प्रदीप नरवाल जैसे खिलाड़ियों ने सीजन दर सीजन बढ़िया प्रदर्शन किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कबड्डी की दोनों ही टीमों में सात-सात खिलाड़ी होते हैं। आइये जानते हैं प्रो कबड्डी के पूरे नियम।
मिड लाइन, बाक लाइन और बोनस लाइन
मैट को दो हिस्सों में बांटा जाता है और जो लाइन बीच में खींची जाती है उसे मिडलाइन कहते हैं। जब भी कोई रेडर विपक्षी टीम के पाले में जाता है तो मैट के अंदर पहली वाली सफेद लाइन को पार करना जरूरी होता है और इस लाइन को बाक लाइन बोलते हैं। विपक्षी टीम के हाफ में एक काली लाइन होती है, जहां से रेडर बोनस प्वाइंड ले सकता है और इस लाइन को बोनस लाइन कहा जाता है।
सुपर रेड, सुपर टेन और सुपर टैकल
जब कोई भी रेडर एक रेड में तीन या उससे ज्यादा अंक हासिल करता है तो उस रेड को सुपर रेड कहा जाता है। यदि किसी रेडर ने एक मैच में 10 या उससे ज्यादा अंक हासिल कर लिए तो उसे सुपर टेन कहा जाता है। यदि विपक्षी टीम के पास तीन या उससे कम खिलाड़ी बचे हैं तो सुपर टैकल ऑन होता है। सुपर टैकल की स्थिति में यदि रेडर आउट होता है तो विपक्षी को दो अंक मिलेंगे।
बोनस और लॉबी
छह या उससे ज्यादा खिलाड़ियों के मौजूद होने पर बोनस ऑन होता है। बोनस लेने के लिए रेडर का अगला पैर काली लाइन के पीछे और पिछला पैर उसी समय हवा में होना चाहिए। मैट के दोनों तरफ नारंगी रंग की जगह होती है जिसे लॉबी कहा जाता है। लॉबी का इस्तेमाल रेडर तब कर सकता है, जब उसने विपक्षी टीम के किसी खिलाड़ी को टच किया हो। बिना टच किए लॉबी में जाने पर खिलाड़ी आउट माना जाता है।
डू ऑर डाई रेड तथा ऑल आउट
लगातार बिना अंकों वाली दो रेड जाने पर टीम का अगला रेड डू ऑर डाई रेड होता है। डू ऑर डाई में रेडर को अंक लाना ही होता है वर्ना उसे आउट करार दिया जाता है। हालांकि अंक बोनस के तौर पर आए या टच के, इससे फर्क नहीं पड़ता है। यदि किसी टीम के सातों खिलाड़ी आउट हो जाते हैं तो वह टीम ऑल आउट हो जाती है। ऑल आउट करने पर विपक्षी को दो अंक मिलते हैं।