#KabaddiKeHero: जानिये, भारत का सबसे महंगा खिलाड़ी (क्रिकेटर्स को छोड़कर) बनने की मोनू गोयत की कहानी
अपना भविष्य किसी को नहीं पता होता, लेकिन यदि सही दिशा में मेहनत की जाए तो अच्छा भविष्य जरूर बनाया जा सकता है। 'कबड्डी के हीरो' सीरीज की पहली चार किश्तों में हमने आपको प्रदीप नरवाल, कैप्टन कूल अनूप कुमार, राहुल चौधरी और अजय ठाकुर की कहानी बताई थी। इस सीजन सबसे महंगे दाम में बिकने वाले हरियाणा के शेर मोनू गोयत की कहानी के साथ पेश है सीरीज की पांचवी किश्त।
बचपन में अपने चाचा को देखकर कबड्डी खेलना शुरु किया
16 अक्टूबर, 1992 को हरियाणा के भिवानी जिले के छोटे से गांव में किसान परिवार के यहां जन्में मोनू को बचपन में ही कबड्डी का शौक लग गया था। मोनू के चाचा विजेंद्र सिंह अच्छे कबड्डी प्लेयर थे और उन्हें देखकर ही मोनू ने भी पांचवी कक्षा से ही कबड्डी खेलना शुरु कर दिया था। उनके घरवाले कहते थे कि अपने चाचा की तरह अच्छे कबड्डी प्लेयर बनो और भारत के लिए खेलकर गांव का नाम रोशन करो।
अच्छी ट्रेनिंग के लिए सेना में भर्ती हुए
2011 में लगभग 18 साल की उम्र में ही मोनू ने स्पोर्ट्स कोटा के तहत भारतीय सेना ज्वाइन कर ली थी। मोनू के मुताबिक सेना में खिलाड़ी को पूरी सुविधा दी जाती है जिससे कि वह अपने आप को बेहतर बना सके। सेना में सर्विसेज के लिए नेशनल लेवल पर मोनू ने शानदार प्रदर्शन किया है। मोनू का कबड्डी खेलने का मुख्य कारण स्थाई नौकरी हासिल करना था और सेना में जाने के बाद उनके ऊपर कोई दबाव नहीं था।
भारतीय टीम के लिए खेल चुके हैं मोनू
प्रो कबड्डी सीजन 5 में शानदार प्रदर्शन करने का फल मोनू को भारतीय कबड्डी टीम की जर्सी के रूप में मिला। 2018 दुबई कबड्डी मास्टर्स टूर्नामेंट में मोनू ने भारतीय टीम के लिए अपना डेब्यू किया।
नौकरी की वजह से प्रो कबड्डी के पहले तीन सीजन नहीं खेल पाए
मोनू को आज के समय में लगभग सभी कबड्डी प्रेमी जानते हैं लेकिन काफी कम लोगों को पता होगा कि मोनू प्रो कबड्डी लीग के पहले तीन सीजन में नहीं खेले थे। अगर किसी को यह पता भी होगा तो शायद यह नहीं पता होगा कि उनके ना खेलने के पीछे वजह क्या थी। मोनू सेना में सर्विसेज के लिए खेलते थे और नौकरी से छुट्टी ना मिलने के कारण प्रो कबड्डी के पहले तीन सीजन नहीं खेल पाए।
हरियाणा स्टीलर्स के कप्तान हैं मोनू
फिलहाल प्रो कबड्डी में मोनू हरियाणा स्टीलर्स के लिए खेल रहे हैं। मोनू टीम के कप्तान भी हैं। मोनू लीग इतिहास में 400 से ज़्यादा अंक भी हासिल कर चुके हैं। इसके पहले वह बंगाल वारियर्स और पटना पाइरेट्स के लिए भी खेल चुके हैं।
प्रो कबड्डी में पहली बार मात्र Rs. 18 लाख में बिके थे
मोनू गोयत को प्रो कबड्डी के चौथे सीजन में बंगाल वारियर्स ने खरीदा था। उस समय बंगाल ने मोनू को मात्र Rs. 18 लाख में ही खरीदा था। बंगाल के लिए मोनू ने 13 मैचों में 63 अंक हासिल किए थे। पांचवें सीजन में पटना पायरेट्स ने Rs. 44 लाख में मोनू को अपने साथ जोड़ा था और वह सीजन मोनू के लिए शानदार रहा था। मोनू ने पटना के लिए 26 मैचों में 202 अंक हासिल किए थे।
क्रिकेटर्स के बाद भारत के सबसे महंगे स्पोर्ट्सपर्सन हैं मोनू
इस सीजन Rs. 1.51 करोड़ में बिकने वाले मोनू क्रिकेटर्स के बाद भारत के सबसे महंगे स्पोर्ट्सपर्सन हैं। मोनू के बाद भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री हैं जिन्हें बेंगलुरु FC में Rs 1.50 करोड़ मिलते हैं।