पूर्व भारतीय खिलाड़ी श्रीराम ने छोड़ा ऑस्ट्रेलिया के सहायक कोच का पद
क्या है खबर?
लम्बे समय से ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के सहायक कोच की भूमिका निभा रहे श्रीधरन श्रीराम ने अब कंगारू टीम का साथ छोड़ दिया है। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के साथ काम में फोकस करने के लिए ऑस्ट्रेलिया का साथ छोड़ा है।
बता दें पूर्व भारतीय ऑलराउंडर श्रीराम ने छह साल तक ऑस्ट्रेलिया टीम के साथ काम किया है।
आइए इस खबर पर एक नजर डालते हैं।
बयान
भारी मन से टीम का साथ छोड़ रहा हूं- श्रीराम
श्रीधरन श्रीराम ने एक बयान में कहा, "छह साल तक ऑस्ट्रेलिया के साथ काम करने के बाद मैंने भारी मन से सहायक कोच के रूप में अपनी वर्तमान भूमिका से आगे बढ़ने का फैसला किया है। मुझे लगता है कि टीम को ध्यान में रखते हुए यह सही समय है। अभी अगले दो विश्व कप और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की तैयारी के लिए पर्याप्त समय है। मेरे लिए सभी प्रारूपों में काम करना अच्छा अनुभव रहा है।"
बयान
श्रीराम ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का आभार व्यक्त किया
इस मौके पर श्रीराम ने ऑस्ट्रेलिया के कोच और कप्तान का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) का बेहद आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मुझे अपने साथ काम करने का मौका दिया है। मैं अपने कोच डैरेन लेहमैन, जस्टिन लैंगर और एंड्रयू मैकडॉनल्ड्स के साथ-साथ मेरे कप्तान रहे स्टीव स्मिथ, टिम पेन, आरोन फिंच और पैट कमिंस को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया है।"
स्पिन कोच
ऑस्ट्रेलिया के स्पिन गेंदबाजों के साथ अहम भूमिका निभा चुके हैं श्रीराम
2016 में डैरेन लेहमैन के कार्यकाल में स्पिन कोच के रूप में नियुक्त होने के बाद से श्रीराम ऑस्ट्रेलिया के कोचिंग सेट-अप में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति रहे हैं। विशेष रूप से एडम जैम्पा और एश्टन एगर के करियर पर उनका बड़ा प्रभाव रहा है। इसके अलावा उन्होंने नाथन लियोन के साथ मिलकर काम किया है। उनकी देखरेख में ही ग्लेन मैक्सवेल ने अपनी गेंदबाजी में खासा सुधार किया है।
वह मैक्सवेल के साथ RCB में भी काम कर चुके हैं।
जानकारी
भारत के लिए आठ वनडे खेल चुके श्रीराम
साल 2000 में नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रीराम ने अपना वनडे अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया है। उन्होंने भारत के लिए आठ वनडे खेले, जिसमें 81 रन बनाए थे। दूसरी तरफ गेंदबाजी में उन्होंने नौ विकेट हासिल किए थे।