मिचेल स्टार्क के इंटरनेशनल क्रिकेट में विख्यात होने के सफर पर एक नजर
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क वर्तमान समय के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक हैं। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज स्टार्क ऑस्ट्रेलिया के लिए तीनों फॉर्मेट में एक बड़ा हथियार हैं। काफी तेज गति के साथ गेंद को स्विंग कराने की उनकी क्षमता दुनिया के बड़े से बड़े बल्लेबाजों को भी परेशान कर देती है। आइए एक नजर डालते हैं कि कैसे स्टार्क ने खुद को विश्व क्रिकेट में स्थापित किया है।
अच्छा रहा था स्टार्क का घरेलू डेब्यू
लंबे कद के स्टार्क ने 2009 में न्यू साउथवेल्श के लिए शेफील्ड शील्ड सीजन के साथ फर्स्ट-क्लास डेब्यू किया था। डेब्यू मैच ड्रॉ रहा था और उन्होंने 92 रन खर्च करते हुए दो विकेट हासिल किए थे। स्टार्क ने अपने डेब्यू सीजन में अच्छा प्रदर्शन किया था और आठ मैचों में 21 विकेट हासिल किए थे। उन्होंने अपने पहले लिस्ट-ए मैच में भी शानदार प्रदर्शन किया और 24 रन खर्च करते हुए दो विकेट हासिल किए।
स्टार्क ने भारत में किया था अपना डेब्यू
2010 में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर कई ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज चोट के कारण टीम से बाहर थे और इसी कारण स्टार्क को अपना डेब्यू करने का मौका मिला था। विशाखापट्टनम में उन्होंने क्लिंट मकाई के साथ गेंदबाजी की शुरुआत की थी, लेकिन मैच में विकेट नहीं ले सके थे। हालांकि, अगले महीने श्रीलंका के खिलाफ ब्रिसबेन में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और चार विकेट हासिल किए थे।
निराशा का एक दौर
2012 टी-20 विश्वकप से पहले तक स्टार्क के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी थी और वह टीम से अंदर-बाहर होते रहे थे। हालांकि, 2012 टी-2012 विश्वकप में उन्होंने 16.40 की औसत से 10 विकेट हासिल किए थे। निरंतरता दिखाने के बाद वह टीम के अटूट सदस्य बन गए। 2012 में पर्थ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में नाबाद 68 रन बनाकर उन्होंने अपनी बल्लेबाजी की भी क्षमता दिखाई थी।
शारीरिक हाव-भाव के लिए वॉर्न ने की थी स्टार्क की आलोचना
2014-15 में भारत के खिलाफ सीरीज़ के दौरान शेन वॉर्न ने स्टार्क की आलोचना की थी और उनके शारीरिक हाव-भाव को नकारात्मक बताया था। उन्होंने कहा था कि स्टार्क को भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ अपने मुलायम स्वभाव को बदलना चाहिए। वॉर्न का कमेंट ब्रिसबेन टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाजी को भारतीय बल्लेबाजों द्वारा आसानी से खेलने के बाद आई थी। हालांकि, वॉर्न के इस कमेंट ने विश्वकप 2015 के लिए स्टार्क को चार्ज किया था।
2015 में दिखा स्टार्क 2.0 वर्जन
2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट में स्टार्क का बदला हुआ अवतार देखने को मिला। उन्होंने आठ मैच में 10.18 की औसत के साथ 22 विकेट लेते हुए ऑस्ट्रेलिया को 2015 विश्वकप जिताया था। उसी साल के अंत में स्टार्क ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में 160.4 किमी/ प्रतिघंटा की गति से गेंद फेंककर इतिहास रच दिया था। 2015 में उन्होंने 21.04 की औसत के साथ सबसे ज़्यादा 88 विकेट चटकाए थे।
चोटों के बावजूद लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं स्टार्क
भले ही स्टार्क की फॉर्म लगातार बेहतरीन रही है, लेकिन चोटों के कारण उन्होंने कई सीरीज़ मिस की हैं। पिछले सीजन भारत के खिलाफ सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया को उनकी सेवाएं नहीं मिली थीं क्योंकि वह मांसपेशियों में खिंचाव के कारण बाहर थे। हालांकि, 2019 विश्वकप में उन्होंने शानदार वापसी की और टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। जनवरी 2018 से स्टार्क का औसत वनडे में 28.59 और टी-20 में 18.15 का है।
स्टार्क ने तोड़ा है मैक्ग्राथ का विश्वकप रिकॉर्ड
2019 में स्टार्क ने एक विश्वकप में सबसे ज़्यादा विकेट लेने के ग्लेन मैक्ग्राथ के रिकॉर्ड को तोड़ा था। मैक्ग्राथ ने 2007 में 26 विकेट लिए थे। स्टार्क ने 10 मैच में 27 विकेट लेकर उनका रिकॉर्ड तोड़ा है।
टी-20 विश्वकप में अच्छा प्रदर्शन करके को बेताब होंगे स्टार्क
स्टार्क हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई टी-20 सीरीज़ के दौरान अच्छे टच में दिखाई दिए थे। इस साल होने वाले टी-20 विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया को अपने प्रीमियर गेंदबाज स्टार्क से काफी उम्मीदें होंगी। 2014 में वह फॉर्म में नहीं थे तो वहीं 2016 में चोट के कारण वह टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे। हालांकि, इस साल वह इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब होंगे।