आज ही के दिन 'रेतीले तूफान' के बाद ऑस्ट्रेलिया पर बरसे थे सचिन तेंदुलकर
1998 में भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेली गई त्रिकोणीय श्रंख्ला में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा रहा था। पूरी सीरीज़ के दौरान ऑस्ट्रेलिया को रोक पाना बेहद मुश्किल लग रहा था, लेकिन सचिन तेंदुलकर उन पर आंधी बनकर टूटे थे। शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की हार के बावजूद सचिन ने अपनी बल्लेबाजी से कमाल दिखाया था। आइए जानते हैं कैसे उनकी बल्लेबाजी को 'रेतीले तूफान' की तरह देखा गया था।
ऑस्ट्रेलिया ने बनाया था काफी मजबूत स्कोर
पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवरों में 284/7 का स्कोर खड़ा किया था। स्टीव वॉ की अगुवाई वाली टीम को मैच जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था क्योंकि उस समय 260 से ऊपर के लक्ष्य को काफी कठिन माना जाता था। मार्क वॉ ने 99 गेंदों में 81 रनों की पारी खेली और फिर माइकल बेवन ने शतक लगाते हुए ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाया था।
भारत की हार के बावजूद सचिन ने खेली दमदार पारी
काफी तेज रेतीले तूफान ने मैच को 25 मिनट तक रोका था और फिर भारत को 46 ओवरों में 276 का लक्ष्य दिया गया था। तूफान भले ही 25 मिनट बाद रुक गया था, लेकिन इसके बाद सचिन के बल्ले ने अपनी आंधी शुरु की थी। सचिन ऑस्ट्रेलिया की जीत के बीच दीवार बनकर खड़े थे। उन्होंने 131 गेंदों में 143 रनों की शानदार पारी खेली, लेकिन भारत को 26 रन से हार का सामना करना पड़ा था।
वॉर्न पर भारी पड़े थे सचिन
सचिन ने अपनी पारी में नौ चौके और पांच छक्के लगाए थे। इस हाई-वोल्टेज मुकाबले में मशहूर क्लैश ऑफ टाइटंस भी देखने को मिला जिसमें सचिन ने शेन वॉर्न पर अपना दबदबा कायम रखा। सचिन के सामने ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर वॉर्न के पास कोई विकल्प नहीं था। भारत की हार से पहले तक सचिन ने अपनी टीम को 237 के स्कोर से आगे पहुंचा दिया था और त्रिकोणीय सीरीज़ के फाइनल का टिकट दिला दिया था।
सचिन के लिए काफी शानदार था 1998
सचिन ने उस सीरीज़ में पांच मैचों में 87 की औसत के साथ सबसे ज़्यादा 435 रन बनाए थे। 1998 का साल सचिन के लिए बेहतरीन रहा और उन्होंने रिकॉर्ड 12 शतकों के साथ 2,541 इंटरनेशनल रन बनाए।
143 रनों की पारी पर यह बोले थे लिटिल मास्टर
सचिन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था, "अप्रैल में तापमान काफी ज़्यादा रहता है और आपके जूते के अंदर तक गर्मी का एहसास होता है। सबसे पहला काम आप अपने पैरों को बर्फ की बाल्टी में डालने का करना चाहेंगे।"