#NewsBytesExclusive: रितु फोगाट के साथ MMA और कई मुद्दों पर खास बातचीत
भारत की महिला रेसलर रितु फोगाट ने हाल ही में घोषणा की थी कि अब वह मिक्स्ड मार्शल आर्ट (MMA) में हाथ आजमाएंगी। फोगाट ने एक चैंपियनशिप के साथ साइन किया है और अब वह सिंगापुर में MMA आर्गनाइजेशन के साथ ट्रेनिंग करने वाली हैं। उन्होंने इस आर्गनाइजेशन को इसलिए ज्वाइन किया है ताकि वह MMA की फाइटिंग स्किल को सीख सकें। न्यूजबाइट्स ने रितु से कई चीजों पर बात की।
रेसलिंग से MMA जाने के पीछे की वजह?
24 वर्षीया रितु ने रेसलिंग में अपना नाम बनाने की शुरुआत कर दी थी, लेकिन उन्होंने MMA ज्वाइन करने का निर्णय लिया। जब उनसे इस अप्रत्याशित मूव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "जब मैं रेसलिंग कर रही थी तब भी मैं MMA देखती थी और खुद से सवाल करती थी कि क्या मैं यह कर सकती हूं? अलग-अलग फाइटिंग पद्धति के लोगों के साथ फाइट करना काफी बड़ा और शानदार चैलेंज है।"
पिता का समर्थन मिलना काफी महत्वपूर्ण
हम सभी को पता है कि रितु के जीवन में उनके पिता महावीर फोगाट की कितनी बड़ी भूमिका रही है। रितु और उनकी बहनों के शानदार करियर के लिए महावीर ने उन्हें लगातार प्रेरित किया है। इस बात में कोई शक नहीं है कि महावीर द्वारा अपनी बेटी का रेसलिंग छोड़कर MMA जाने के निर्णय का समर्थन करना काफी अहम था। रितु ने अपने पिता के सामने अपने इस फैसले के बारे में बात की।
'मेरे निर्णय को लेकर मेरे पिता काफी खुश'
रितु ने कहा, "जब मैंने अपने पिता से MMA में रुचि के बारे में बात की तो उनका रिएक्शन सही था। उन्होंने मेरे साथ कुछ मुकाबले देखे भी। रेसलिंग भी मार्शल आर्ट का हिस्सा है।"
MMA में जाने के लिए तैयार हैं रितु
MMA काफी कठिन खेल है और इसमें सफल होने के लिए काफी नियमबद्ध होना और कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। हालांकि, रितु अपने स्विच को लेकर पूरी तरह कॉन्फिडेंट हैं। उन्होंने कहा, "रेसलिंग भी MMA का ही हिस्सा है। अब मैं इसके अलग फॉर्म्स के बारे में सीखूंगी। बढ़िया MMA एथलीट बनने के लिए बेहतर ट्रेनिंग और नियमबद्ध होना जरूरी है। एक रेसलर के रूप में मेरे अंदर दोनों चीजें पहले से ही हैं।"
रितु ने MMA और रेसलिंग का फर्क समझाया
बहुत से फैंस इस बारे में सोच रहे होंगे कि रेसलिंग और MMA में क्या अंतर होता है। 2017 में एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली रेसलर ने भी इसी चीज के बारे में समझाया। रितु ने कहा, "बेशक, नियमों में अंतर है, गेम-प्ले, तकनीकों में अंतर है। लेकिन कुश्ती MMA का बहुत अभिन्न अंग है। रेसलिंग की टेक्नीक जैसे कि मजबूती दिखाना और भी कुछ अन्य चीजें MMA में भी काफी महत्वपूर्ण हैं।"
कड़ी मेहनत और अनुशासन के महत्व पर रितु की राय
रितु ने वर्ल्ड स्टेज पर देश का प्रतिनिधित्व कर रहे एथलीट पर पड़ने वाले प्रेशर के बारे में बात की। उन्होंने कहा, "जब आप अपने देश को रिप्रजेंट करते हो तो हमेशा प्रेशर होता है। आपको कठिन मेहनत, ट्रेनिंग और नियमबद्ध होकर इससे उबरना चाहिए।"
भारत की पहली महिला MMA वर्ल्ड चैंपियन बनना चाहती हैं रितु
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब रितु भारत के लिए ओलंपिक या फिर कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाएंगी। हालांकि, वह इसे अपने रास्ते की रुकावट के रूप में नहीं देख रही हैं। उन्होंने कहा, "मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है इंडिया को रिप्रजेंट करना, चाहे वह रेसलर के रूप में हो या फिर MMA फाइटर के रूप में। मैं भारत की पहली महिला MMA वर्ल्ड चैंपियन बनना चाहती हूं।"
'प्रत्येक गेम, प्रत्येक मैच जो मैंने खेला वह मेरे लिए एक चुनौती था'
रितु ने 2016 कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा उन्होंने 2017 एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज और वर्ल्ड अंडर-23 चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी जीता था। जब हमने उनसे सबसे ज़्यादा चुनौतीपूर्ण लम्हे के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "प्रत्येक गेम, प्रत्येक मैच जो मैंने खेला वह मेरे लिए एक चुनौती था। मैंने हर चुनौती से काफी कुछ सीखा है। इससे मेरे अंदर काफी सुधार आया है।"
पाठकों के लिए रितु का संदेश
रितु ने जाते-जाते न्यूजबाइट्स के पाठकों को खास संदेश दिया। उन्होंने कहा, "आप जीवन में कुछ भी करने के बारे में सोचिए तो फिर उसे पूरी मेहनत और लगन के साथ कीजिए। विनम्र रहें और आस-पास के लोगों का सम्मान करें। जय हिंद।"