नासा का पेंडोरा मिशन क्या है, जिसे स्पेस-X करेगी लॉन्च? जानिए इसका उद्देश्य
क्या है खबर?
नासा ने स्पेस-X को पेंडोरा मिशन लॉन्च करने का अनुबंध दिया है, जो एक्सोप्लैनेट के वातावरण पर तारकीय गतिविधि के प्रभाव का अध्ययन करेगा।
यह मिशन नासा के वेंचर-क्लास एक्विजिशन ऑफ डेडिकेटेड एंड राइडशेयर (VADR) लॉन्च सर्विसेज कॉन्ट्रैक्ट के तहत आता है, जिसकी कुल संभावित लागत 30 करोड़ डॉलर (लगभग 2,600 करोड़ रुपये) है।
मिशन नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर और लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लेबोरेटरी के सहयोग से संचालित किया जाएगा।
काम
कैसे काम करेगा पेंडोरा मिशन?
पेंडोरा मिशन एक साल की अवधि में 20 से अधिक एक्सोप्लैनेट का निरीक्षण करेगा।
इसमें 17-इंच का ऑल-एल्यूमीनियम टेलीस्कोप होगा, जो तारकीय और ग्रहीय प्रकाश को एक साथ कैप्चर करने के लिए डिजाइन किया गया है। हर एक्सोप्लैनेट का 10 बार अध्ययन किया जाएगा, जब वह अपने तारे के सामने से गुजरेगा।
इस दौरान 24 घंटे के सत्रों में डाटा एकत्र किया जाएगा। यह जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप और हैबिटेबल वर्ल्ड्स ऑब्जर्वेटरी जैसे मिशनों को भी सपोर्ट देगा।
उद्देश्य
पेंडोरा मिशन का उद्देश्य और लाभ
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य तारकीय और ग्रहीय संकेतों में अंतर करना और एक्सोप्लैनेट के वायुमंडल को बेहतर तरीके से समझना है।
इससे वैज्ञानिकों को ग्रहों की जलवायु, रासायनिक संरचना और वहां जीवन की संभावनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी।
यह नासा के एस्ट्रोफिजिक्स पायनियर्स कार्यक्रम के तहत वित्तपोषित एक लागत प्रभावी पहल है। मिशन से प्राप्त डाटा खगोल भौतिकी अनुसंधान को आगे बढ़ाएगा और ब्रह्मांड में जीवन की खोज में अहम भूमिका निभाएगा।