हैशटैग क्या है, किसने और कैसे की इसकी शुरुआत?
क्या है खबर?
मोबाइल की दुनिया में हैशटैग का इस्तेमाल बैलेंस चेक करने में होता था। इंटरनेट और स्मार्टफोन के जमाने में उसके इस्तेमाल का तरीका बदल गया है।
विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म खासतौर से ट्विटर पर हैशटैग का इस्तेमाल किसी मुद्दे को ट्रेंड कराने के लिए इस्तेमाल होने लगा।
इस हैशटैग के आविष्कारक क्रिस मेसिना ने हाल ही में ट्विटर छोड़ा दिया।
क्रिस के बहाने जान लेते हैं कि हैशटैग क्या है और क्यों जरूरी है।
हैशटैग
ट्विटर ने हैशटैग के लिए ट्रेंडिंग सेक्शन ही बना दिया
हैशटैग एक शब्द या कीवर्ड है, जिसका संकेत # है।
इसका इस्तेमाल किसी एक विषय पर लिखे या पोस्ट किए गए सभी कंटेंट को खोजने के लिए किया जाता है।
फेसबुक से लेकर ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर हैशटैग को खूब लोकप्रियता मिली।
ट्विटर पर तो एक ट्रेंडिंग सेक्शन ही बना है, जहां देखा जा सकता है कि किस हैशटैग का प्रयोग करके कितने ट्वीट किए गए हैं।
इससे ट्रेंडिंग मुद्दे का भी पता चल जाता है।
इस्तेमाल
लंबे समय से हैशटैग को नोटिस कराना चाहते थे क्रिस
क्रिस लंबे समय से हैशटैग का इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन इसे उतना महत्व नहीं मिल रहा था।
उन्हें हैशटैग नोटिस कराने का मौका तब मिला, जब 2007 में कैलिफोर्निया का रिटर नाम का निवासी लगातार जंगल में लगी आग के बारे में ट्वीट कर रहा था।
क्रिस ने नोटिस किया कि फ्लिकर पर सैनडियागोफायर एक टैग की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था। इसने क्रिस को आग के ट्वीट्स पर #सैनडियागोफायर का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
कॉन्सेप्ट
2009 में ट्विटर को लगा हैशटैग की ताकत का अंदाजा
इसके बाद रिटर के ट्वीट्स इतने लोगों तक पहुंचे कि ट्विटर यूजर्स ने इस आग से जुड़े कंटेंट को पोस्ट करने के लिए इसी हैशटैग कॉन्सेप्ट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
इसके बाद 2009 में ट्विटर को हैशटैग की ताकत का अंदाजा लगा और इसके लिए उसने एक सर्च टूल फीचर जोड़ दिया।
इसके अगले ही साल ट्विटर ने ट्रेंडिंग टॉपिक्स का भी फीचर जोड़ा, जिसमें ट्विटर पर चलने वाले हैशटैग दिखाए जाने लगे।
ताकत
पावरफुल टूल बन गया है हैशटैग
आज की तारीख में हैशटैग एक पावरफुल टूल बन चुका है और फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन सभी जगह इस्तेमाल हो रहा है।
हैशटैग को #MeToo (मीटू) के उदाहरण से समझ सकते हैं।
मीटू उन महिलाओं का अभियान था, जिनके साथ घर, परिवार, ऑफिस आदि अलग-अलग जगहों पर यौन शोषण की घटनाएं हुईं। इनमें से एक महिला ने अपने शोषण की कहानी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा। इसके बाद कई महिलाएं इसमें #MeToo के जरिए शामिल होती गईं।
अभियान
#MeToo बन गया था अभियान
देशभर की महिलाओं ने फेसबुक, ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म पर अपने साथ हुए यौन शोषण की कहानियों को #MeToo के जरिए लिखना शुरू कर दिया। देखते-देखते ये एक अभियान की तरह बन गया।
महिलाओं ने जिन लोगों पर #MeToo के तहत आरोप लगाए उनमें से कई लोगों की नौकरी चली गई और कई को सामाजिक अपमान झेलना पड़ा।
आज की तारीख में भी यदि आप फेसबुक और ट्विटर पर #MeToo डालेंगे तो इससे जुड़ी सारी पोस्ट आपको दिख जाएंगी।
क्रिस
क्रिस ने क्यों छोड़ा ट्विटर?
क्रिस के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाए जाने को लेकर अलविदा कहा।
हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि वो ब्लू टिक के कारण ट्विटर नहीं छोड नहीं छोड़ रहे हैं बल्कि वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि ट्विटर का महत्व पहले अधिक था। उनका इशारा था कि पिछले 6 महीनों में जब से मस्क ने ट्विटर को संभाला है, तब से इसकी विश्वसनीयता घटी है।