DDoS अटैक क्या होता है और इससे कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
इंटरनेट आर्काइव की आधिकारिक वेबसाइट को हैकर्स ने हाल ही में हैक कर लिया है, जिससे इसके करीब 3.1 करोड़ यूजर्स का डाटा लीक हो गया है। इतने बड़े स्तर पर डाटा चोरी करने के लिए साइबर जालसाजों ने डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विसेज (DDoS) अटैक किया। इससे पहले भी हैकर्स ने डाटा चोरी करने के लिए कई संस्थानों और संघठनों के डाटा को DDoS अटैक करके निशाना बनाया है। आइए जानते हैं DDoS अटैक होता क्या है।
क्या होता है DDoS अटैक?
DDoS अटैक एक साइबर हमला है, जिसमें कई कंप्यूटर एक साथ किसी सर्वर या नेटवर्क पर भारी मात्रा में डाटा भेजते हैं, जिसका उद्देश्य लक्षित सर्वर को बाधित करना होता है। यह आमतौर पर बोटनेट्स का उपयोग करके किया जाता है, जिसमें कई कंप्यूटर एक साथ काम करते हैं। इस प्रक्रिया में अगर सर्वर की सुरक्षा कमजोर है, तो हमलावर डाटा चोरी भी कर सकते हैं, जिससे संवेदनशील डाटा लीक का खतरा बढ़ जाता है।
DDoS अटैक से सुरक्षा उपाय
DDoS अटैक से बचने के लिए सबसे पहले अपने नेटवर्क ट्रैफिक की नियमित जांच करें ताकि किसी भी अनियमित गतिविधि का पता चल सके। फायरवॉल और राउटर को सही तरीके से सेट करें ताकि संदिग्ध ट्रैफिक को रोका जा सके। DDoS सुरक्षा सेवाओं का उपयोग करें, जो आपके नेटवर्क की सुरक्षा में मदद कर सकती हैं। लोड बैलेंसिंग तकनीकों का उपयोग करें ताकि सर्वर पर अधिक भार न पड़े और सेवाओं में रुकावट न आए।
अन्य सुरक्षा उपाय
क्लाउड-बेस्ड सुरक्षा सेवाओं का उपयोग करें, क्योंकि वे बड़े हमलों के दौरान ट्रैफिक को संभालने में मदद करती हैं। अपने सिस्टम पर सुरक्षा प्रोटोकॉल, जैसे SSL/TLS, का उपयोग करें ताकि डाटा सुरक्षित रहे। इसके अलावा, नियमित रूप से सॉफ्टवेयर अपडेट करें और सुरक्षा पैच लगाएं। कभी भी किसी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें। इन उपायों को अपनाकर आप DDoS अटैक के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं।