सौर तूफान पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराने के बाद लेह में दिखा ऑरोरा
क्या है खबर?
लद्दाख की राजधानी लेह में बीती रात (10 अक्टूबर) एक शक्तिशाली सौर तूफान के कारण आसमान में ऑरोरा की अद्भुत चमक दिखाई दी।
यह घटना 9 अक्टूबर को तब हुई, जब X1.8-क्लास के सोलर फ्लेयर से उत्पन्न शक्तिशाली कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराया। यह CME करीब 24 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पृथ्वी तक पहुंचा।
भारत के लेह के समान ही अमेरिका के अलबामा तक दक्षिण में भी यह ऑरोरा देखा गया।
सौर तूफान
इस श्रेणी का था सौर तूफान
अमेरिका के राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) ने कहा है कि बीते दिन पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र से G4-श्रेणी का सौर तूफान टकराया।
यह सौर तूफान भू-चुंबकीय गतिविधियों का कारण बन सकता है, जिससे सैटेलाइट्स के संचार में दिक्कतें, विद्युत ग्रिड में समस्याएं और यहां तक कि अंतरिक्ष यात्रा के दौरान खतरे बढ़ सकते हैं।
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि G4-श्रेणी के तूफान का प्रभाव पृथ्वी की बहुत सी तकनीकी चीजों पर पड़ सकता है।
ऑरोरा
ऑरोरा होता क्या है?
ऑरोरा एक प्राकृतिक रोशनी का शो है, जो आमतौर पर पृथ्वी के ध्रुवीय इलाकों में दिखाई देता है, जिससे इसे उत्तरी और दक्षिणी रोशनी भी कहते हैं।
यह तब होता है, जब सूर्य से निकले कण, जैसे इलेक्ट्रॉन, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं। इन कणों की टकराहट से वायुमंडल में गैसों, जैसे ऑक्सीजन और नाइट्रोजन, में चमक पैदा होती है।
ऑरोरा की प्रकाश आमतौर पर हरे, नीले और लाल रंगों में होती है।