AI चिप क्या हैं और किन कामों में होता है इनका इस्तेमाल? जानिये सबकुछ
क्या है खबर?
इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ ही AI चिप भी चर्चा में हैं। AI चिप आमतौर पर सेमीकंडक्टर ही होती हैं, लेकिन खासतौर से AI के लिए डिजाइन की गई चिप को AI चिप कहते हैं।
कंप्यूटर से लेकर कार तक में इनका इस्तेमाल होता है और इन्हें प्रोडक्ट की जरूरत के मुताबिक डिजाइन किया जाता है।
उदाहरण के तौर पर ChatGPT जैसे AI सिस्टम को तेज और सस्ता बनाने के लिए खास AI चिप डिजाइन की गई हैं।
उत्तर
क्या है AI चिप?
AI चिप समझना इन चिप की डिजाइन की तरह ही थोड़ा जटिल हो सकता है।
इसे ऐसे समझ सकते हैं कि यह कंप्यूटिंग हार्डवेयर से जुड़ा है, जो खासतौर से AI वर्कलोड को संभालता है। उदाहरण के लिए AI सिस्टम को ट्रेनिंग देने के दौरान कठिन समस्याओं को हल करने के लिए AI चिप का इस्तेमाल होता है।
सामान्य कंप्यूटर इस काम को करने में बंद हो सकते हैं या कुछ मामलों में वो इसमें सक्षम भी नहीं होते।
क्रांति
AI का उपयोग
कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध के दौरान सेमीकंडक्टर की सप्लाई बाधित होने से कई कारखानों में हफ्तों तक कारों का प्रोडक्शन रुक गया था और लोगों को नए कंप्यूटर और लैपटॉप नहीं मिल रहे थे।
अब AI के चलन में आने के बाद इनकी मांग बढ़ी है और कंपनियां मुनाफा भी कमा रही हैं।
बता दें कि कई विशेषज्ञ AI को एक क्रांति मानते हैं और उनका मानना है कि इसमें दुनिया को बदल देने की क्षमता है।
डिजाइन
AI की डिमांड से बढ़ी चिप निर्माता कंपनियों की कमाई
AI चिप की एक बड़ी डिजाइनर कंपनी एनवीडिया को खूब फायदा हुआ और वह 1 लाख करोड़ डॉलर वाली पहली चिप कंपनी बन गई।
AI चिप की डिमांड ने एनवीडिया को उन चुनिंदा कंपनियों की लिस्ट में शामिल कर दिया, जो 1 लाख करोड़ डॉलर क्लब में शामिल हैं।
कंपनी की तरक्की से एनवीडिया CEO जेनसेन हुआंग दुनिया के 37वें सबसे अमीर आदमी हो गए हैं।
क्रिप्टोकरेंसी के चरम के समय भी इन चिप्स की मांग देखी गई थी।
क्लाउड
ये कंपनियां हैं AI चिप्स की बड़ी ग्राहक
अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां AI चिप्स के बड़े ग्राहकों में से हैं। ये कंपनियां अपनी क्लाउड-कंप्यूटिंग सर्विस के लिए AI चिप्स का इस्तेमाल करती हैं और अपनी सर्विस को किराए पर देती हैं।
इनकी सर्विस को वो कंपनियां इस्तेमाल करती हैं, जो क्लाउड आधारित टूल का इस्तेमाल करने के लिए अपने स्वयं के AI टूल का निर्माण नहीं कर सकतीं।
इनकी क्लाउड कंप्यूटिंग को मेडिसिन रिसर्च से लेकर कस्टमर मैनेजमेंट आदि सर्विस से जुड़ी विभिन्न कंपनियां इस्तेमाल करती हैं।
एनवीडिया
एनवीडिया ने विकसित की थी GPU नाम की नई चिप
एनवीडिया ने 90 के दशक में ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) नामक एक नई चिप विकसित की थी। इसने एक ही बार में कई जटिल ग्राफिक्स गणना करके वीडियो गेम के विकास और खेल दोनों बदलकर रख दिया।
बाद में टोरंटो विश्वद्यालय के 2 स्नातक छात्रों ने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बहुत कम एरर के साथ फोटो की पहचान करने के लिए GPU आधारित न्यूरल नेटवर्क का इस्तेमाल किया और इमेजनेट नाम की प्रतिष्ठित 2012 AI प्रतियोगिता जीती।
अवसर
एक चिप में होते हैं करोड़ों ट्रांजिस्टर्स
छात्रों की जीत ने AI से संबंधित समानांतर प्रोसेसिंग में लोगों की रुचि पैदा कर दी और इससे एनवीडिया और उसके प्रतिद्वंदियों के लिए एक नए व्यापार का अवसर खुल गया।
अब लगभग 11 साल बाद AI सिस्टम के निर्माण और इसे अपडेट करने के लिए एनवीडिया एक प्रभावशाली चिप सप्लायर है।
इसके नए GPU H100 में लगभग 8,000 करोड़ ट्रांजिस्टर्स हैं और इसकी कीमत लगभग 24 लाख रुपये है।
प्रोडक्शन
एनवीडिया खुद नहीं बनाती चिप
एनवीडिया इन जटिल GPU को खुद नहीं बनाती है। दरअसल, चिप निर्माण का कार्य काफी महंगा होता है और इसके लिए कारखाने बनाने में भारी निवेश की भी जरूरत होती है।
इसलिए एनवीडिया चिप डिजाइन का काम करती है और चिप बनाने के लिए यह एशियाई चिप फाउंड्री जैसे ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी और कोरिया के सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स आदि पर निर्भर है।
मीडियाटेक जैसी चिप निर्माता कंपनियां भी इसकी ग्राहक हैं।