नासा के हबल टेलिस्कोप की क्या हैं 5 बड़ी खोजें? जानकर हैरान हो जाएंगे आप
नासा के हबल स्पेस टेलिस्कोप ने खगोल विज्ञान में कई महत्वपूर्ण खोजें की हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इस टेलिस्कोप को 24 अप्रैल, 1990 को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के सहयोग से लॉन्च किया था। इसे अमेरिकी अंतरिक्ष शटल 'डिस्कवरी' (STS-31 मिशन) द्वारा पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया था। इस टेलिस्कोप की मदद से ब्रह्मांड की उम्र का निर्धारण, डार्क एनर्जी, ब्लैक होल और धुंधले ग्रहों समेत कई खोज हो चुकी हैं।
हबल से हुई डार्क एनर्जी की खोज
डार्क एनर्जी की खोज: 1990 के दशक के अंत में हबल ने पाया कि ब्रह्मांड का विस्तार तेजी से हो रहा है, जिससे वैज्ञानिकों ने 'डार्क एनर्जी' की मौजूदगी का पता लगाया, जो ब्रह्मांड का 68 प्रतिशत हिस्सा है। ब्रह्मांड की उम्र का निर्धारण: हबल ने आकाशगंगाओं की दूरी और गति का सटीक मापन कर ब्रह्मांड की उम्र 13.8 अरब वर्ष तय की, जो खगोल विज्ञान में एक बड़ा मील का पत्थर है।
धुंधले ग्रहों की मिली जानकारी
ब्लैक होल का प्रमाण: हबल ने आकाशगंगा M87 के केंद्र में ब्लैक होल के चारों ओर घूमती गैस की गति मापी, जिससे यह सिद्ध हुआ कि हर बड़ी आकाशगंगा के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल होता है। धुंधले ग्रहों की तस्वीरें: हबल ने पहली बार सौर मंडल के बाहर के ग्रहों की स्पष्ट तस्वीरें लीं, जिससे उनकी संरचना, वातावरण, और विविधता की पुष्टि हुई। धुंधले ग्रहों को एक्सोप्लैनेट्स भी कहा जाता है।
यह भी है महत्वपूर्ण खोज
पिलर्स ऑफ क्रिएशन की तस्वीरें: हबल टेलिस्कोप की सबसे उल्लेखनीय तस्वीरों में 'पिलर्स ऑफ क्रिएशन' शामिल है, जो ईगल नेबुला में गैस और धूल के बड़े खंभों को दर्शाती है। इन खंभों में तारे बनने की प्रक्रिया हबल ने देखी, जिससे तारे और ग्रहों के निर्माण की जानकारी मिली। यह तस्वीर ब्रह्मांड में निर्माण की गतिविधियों को दर्शाती है, इसने खगोल विज्ञान के प्रति हमारी समझ को व्यापक किया और ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाना आसान बना दिया।