अंतरिक्ष मिशन के लिए आवश्यक स्पेस शटल और रॉकेट में क्या होता है अंतर?
अंतरिक्ष मिशनों की सफलता के लिए स्पेस शटल और रॉकेट दोनों महत्वपूर्ण होते हैं। रॉकेट का उपयोग सैटेलाइट या अन्य अंतरिक्ष यानों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए किया जाता है। रॉकेट आम तौर पर एक बार किसी मिशन में उपयोग में आने के बाद लौटकर नहीं आता, स्पेस शटल को कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है। आइए जानते हैं स्पेस शटल और रॉकेट दोनों में मुख्य तौर पर क्या-क्या अंतर होता है-
डिजाइन में क्या है अंतर?
विशेषता: स्पेस शटल यह एक रीयूजेबल अंतरिक्ष यान है, जो मानव और कार्गो को अंतरिक्ष में भेजने के लिए उपयोग होता है। रॉकेट सिंगल यूज या रीयूजेबल यान होता है, जो ठोस या तरल ईंधन का उपयोग करके अंतरिक्ष में जाने के लिए डिजाइन किया गया है। डिजाइन: स्पेस शटल में 3 भाग- ऑर्बिटर (जहां क्रू और कार्गो होते हैं), ईंधन टैंक और साइड बूस्टर होते हैं। रॉकेट का आकार सिलेंड्रिकल होता है, जिसमें ईंधन टैंक और इंजन होते हैं।
उपयोग और लॉन्च में क्या है अंतर?
उपयोग: स्पेस शटल का उपयोग अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) तक पहुंचने, सैटेलाइट्स स्थापित करने और वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए किया जाता है। रॉकेट का उपयोग सैटेलाइट्स और अन्य अंतरिक्ष यानों को कक्षा में भेजने के लिए होता है। लॉन्च प्रक्रिया: स्पेस शटल की लॉन्च प्रक्रिया जटिल है, इसे बूस्टर से लॉन्च किया जाता है और ऑर्बिट में पहुंचने के बाद यह स्वतंत्र रूप से उड़ता है। रॉकेट की लॉन्च प्रक्रिया सीधी होती है, जो इसे सीधे कक्षा में भेजती है।