व्हाट्सऐप ग्रुप्स का इस्तेमाल बंद करेगा सुप्रीम कोर्ट, नहीं भेजेगा ऑनलाइन सुनवाई के लिंक्स
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस और सुनवाई के लिंक्स व्हाट्सऐप ग्रुप्स में ना भेजने का फैसला किया है। अपेक्स कोर्ट रजिस्ट्री ने बीते शनिवार को इस बात की जानकारी दी और बताया की सुप्रीम कोर्ट व्हाट्सऐप ग्रुप्स का इस्तेमाल नहीं करेगा। जारी किए गए सर्कुलर में अपेक्स कोर्ट रजिस्ट्री ने बताया कि मेसेजिंग ऐप के बजाय रजिस्टर ईमेल ID और रजिस्टर मोबाइल नंबर की मदद से ऑनलाइन सुनवाई के लिंक भेजे जाएंगे।
इसलिए बंद किया व्हाट्सऐप का इस्तेमाल
सरकार हाल ही में व्हाट्सऐप समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नए नियमों का ड्राफ्ट लाई है। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (गाइडलाइंस फॉर इंटरमीडियरीज एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 से जुड़े नए नोटिफिकेशन के बाद सुप्रीम कोर्ट का सर्कुलर भी सामने आया है। साफ किया गया है कि अब वर्चुअल कोर्ट हियरिंग (ऑनलाइन सुनवाई) से जुड़े लिंक वकीलों और संबधित पक्ष-प्रतिपक्ष के लोगों को व्हाट्सऐप पर नहीं भेजे जाएंगे।
क्या कहता है नया सर्कुलर?
सर्कुलर में कहा गया है कि ऑनलाइन सुनवाई से जुड़ी जानकारी शेयर करने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप बनाने पर रोक लगा दी गई है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, "यह बताया जाता है कि एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड और पार्टी-इन-पर्सन्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिंक और सुनवाई से जुड़ी जानकारी देने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप बनाने पर रोक लगाई गई है।" सरकार की ओर से सोशल मीडिया ऐप्स और OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए लाई गई गाइडलाइंस के चलते यह कदम उठाया गया है।
व्हाट्सऐप का विकल्प बनी संदेश ऐप
भारत सरकार व्हाट्सऐप या टेलीग्राम ऐप जैसे मेसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के बजाय देश में बनी सेवाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहती है। बीते दिनों सामने आया है कि कुछ मंत्रालयों के अधिकारियों ने पहले ही गवर्मेंट इंस्टैंट मेसेजिंग सिस्टम (GIMS) का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इस सेवा को संदेश (SANDES) नाम दिया गया है और इसका ऐक्सेस फिलहाल केवल ऑथराइज्ड अधिकारियों को दिया गया है। जल्द ही इसकी ऐप लॉन्च की जा सकती है।
भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग ऐप को प्राथमिकता
बीते दिनों सरकार और अमेरिकी माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली और ट्विटर ने कई अकाउंट्स डिसेबल करने से इनकार कर दिया था। यही वजह है कि सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के प्रति कड़ा रुख अपनाया और नए नियम तैयार किए गए हैं। जरूरी अपडेट्स देने के लिए सरकार ट्विटर से पहले भारतीय कू ऐप को प्राथमिकता दे रही है, जिससे ज्यादा भारतीय यूजर्स इससे जुड़ें।