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नासा के टेलिस्कोप से अंतरिक्ष वैज्ञानिक दूसरे ग्रह पर सूर्योदय और सूर्यास्त की कर रहे जांच 
वैज्ञानिक एक्सोप्लैनेट के सूर्योदय-सूर्यास्त की कर रहें जांच (प्रतीकात्मक तस्वीर: नासा)

नासा के टेलिस्कोप से अंतरिक्ष वैज्ञानिक दूसरे ग्रह पर सूर्योदय और सूर्यास्त की कर रहे जांच 

Jul 16, 2024
01:11 pm

क्या है खबर?

अंतरिक्ष वैज्ञानिक नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (JWST) का उपयोग करके आकाशगंगा में मौजूद WASP-39 b ग्रह (एक्सोप्लैनेट) के सूर्योदय और सूर्यास्त की जांच कर रहे हैं। WASP-39 b की खोज 2011 में की गई थी। जुलाई, 2022 में यह नासा के JWST द्वारा अध्ययन किया जाने वाला पहला एक्सोप्लैनेट बना था। यह एक विशाल एक्सोप्लैनेट है जो G-प्रकार के तारे की परिक्रमा करता है। पृथ्वी से यह लगभग 700 प्रकाश वर्ष दूर है।

पता

जांच में अब तक क्या पता चला?

शोधकर्ताओं ने पाया है कि WASP-39 b अपने मूल तारे से ज्वारीय रूप से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब है कि इसका एक निरंतर दिन वाला भाग और एक निरंतर रात वाला भाग है। ग्रह का एक भाग हमेशा अपने तारे के संपर्क में रहता है, जबकि दूसरा भाग हमेशा अंधेरे में रहता है। खगोलविदों ने वेब के NIRSpec (नियर-इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफ) का उपयोग करके WASP-39 b पर सुबह और शाम के बीच तापमान में अंतर की पुष्टि की है।

तापमान

तापमान में होता है बहुत अंतर

खगोलविदों ने पाया कि शाम में यह ग्रह लगभग 200 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म दिखाई देता है। डाटा से पता चलता है कि शाम का तापमान काफी गर्म 1,450 डिग्री फारेनहाइट (800 डिग्री सेल्सियस) था और सुबह का तापमान अपेक्षाकृत ठंडा 1,150 डिग्री फारेनहाइट (600 डिग्री सेल्सियस) था। ग्रह के हमेशा सुबह वाले भाग में संभवतः शाम वाले भाग की तुलना में बादल थे। अंतरिक्ष वैज्ञानिक फिलहाल इस एक्सोप्लैनेट के बारे में और अधिक अध्ययन कर रहे हैं।