फोन देखते रहने से ना हो जाए हादसा, साउथ कोरियन डिजाइनर ने बनाई तीसरी आंख
क्या है खबर?
आजकल लोग अपना ज्यादा वक्त स्मार्टफोन्स इस्तेमाल करते हुए बिताते हैं और कई बार यह हादसे की वजह बनता है।
सड़क पर चलते वक्त फोन चलाने वाले किसी पोल या दीवार से टकरा सकते हैं या सड़क हादसे का शिकार बन सकते हैं।
फोन के आदी लोगों को ऐसे खतरों से बचाने के लिए साउथ कोरिया के एक इंडस्ट्रियल डिजाइनर ने खास टूल डिजाइन किया है।
इस टूल को डिजाइनर ने 'द थर्ड आई' (तीसरी आंख) नाम दिया है।
डिजाइन
इसलिए डिजाइन किया खास 'थर्ड आई' टूल
साउथ कोरिया में रहने वाले पाएंग मिन-वुक नाम के इंडस्ट्रियल डिजाइनर ने उन लोगों के लिए एक रोबोटिक आईबॉल तैयार की है, जो हर वक्त अपने फोन में लगे रहते हैं।
पाएंग ने अपने टूल को 'द थर्ड आई' नाम दिया है और बताया है कि इसे अपने सिर पर पहनने के बाद यूजर्स आराम से कहीं भी फोन चलाते हुए टहल सकते हैं और यह टूल उन्हें संभावित दुर्घटनाओं से बचा लेगा।
तरीका
ऐसे काम करती है 'द थर्ड आई'
यह टूल पाएंग की ओर से तैयार किए गए एक आर्टवर्क का हिस्सा है, जिसका नाम 'फोनो सेपियंस' रखा गया है।
इसे पहनने के बाद जब यूजर अपने मोबाइल फोन को देखने के लिए सिर नीचे झुकाता है तो यह 'तीसरी आंख' खुल जाती है।
इसके बाद अगर उसके सामने दो मीटर की रेंज में कोई पोल, दीवार या अवरोध आता है तो फौरन डिवाइस ब्लिंक कर यूजर को खतरे की चेतावनी देता है।
जानकारी
इंसानी आंख जैसा अनोखा डिजाइन
खास बात यह है कि टूल को बिल्कुल इंसानी आंख की तरह डिजाइन किया गया है। इसे माथे पर पहना जा सकता है और यह फोन चलाते वक्त ऐक्टिवेट होता है। बाकी वक्त इस आंख की पलकें बंद रहती हैं और यह काम नहीं करती।
भविष्य
आने वाले वक्त में पड़ेगी जरूरत
पाएंग ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को अपना टूल दिखाते हुए कहा, "यह टूल भविष्य की ओर इशारा करता है, जब इंसान तीन आंखों के साथ जिएंगे।"
उन्होंने कहा, "हम अपने स्मार्टफोन्स से नजरें हटा ही नहीं पाते इसलिए आने वाले वक्त में एक एक्सट्रा आंख की जरूरत पड़ेगी।"
हालांकि, पाएंग की योजना अभी अपने डिवाइस को कॉमर्शियल प्रोडक्ट के तौर पर मार्केट में उतारने की नहीं है।
यानी कि यूजर्स जरूरत होने पर भी अभी इसे नहीं खरीद पाएंगे।
चिंता
स्मार्टफोन्स देखने की लत पहुंचाती है नुकसान
स्मार्टफोन्स का लगातार इस्तेमाल यूजर्स को नुकसान पहुंचा सकता है और इसे लेकर एक्सपर्ट्स चिंता जता चुके हैं।
बढ़ते स्क्रीनटाइम की वजह से यूजर्स की आंखों पर तो बुरा असर पड़ ही रहा है, माइग्रेन और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से प्रभावित होने वाले भी बढ़े हैं।
स्मार्टफोन कंपनियां खुद यूजर्स को डिवाइस के हेल्दी इस्तेमाल के लिए प्रेरित कर रही हैं और खास टूल्स देती हैं।
डिजिटल वेलबीइंग जैसे टूल्स के साथ आप स्क्रीनटाइम मॉनीटर कर सकते हैं।