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नासा रोवर चैलेंज में शामिल होंगे 6 भारतीय छात्र, जानें क्या है यह चैलेंज
नासा के रोवर चैलेंज में हिस्सा लेने के लिए 6 भारतीय छात्र चुने गए

नासा रोवर चैलेंज में शामिल होंगे 6 भारतीय छात्र, जानें क्या है यह चैलेंज

लेखन रजनीश
Apr 06, 2023
07:27 pm

क्या है खबर?

नासा रोवर चैलेंज में भारत के 6 छात्र हिस्सा लेंगे। इसमें शामिल होने के लिए ये छात्र अगले सप्ताह अमेरिका की यात्रा करेंगे। ये छात्र अलबामा के हंट्सविले में अमेरिकी एजेंसी के अंतरिक्ष और रॉकेट केंद्र के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। नासा ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज (HERC) 2023 में भाग लेने के लिए भारत के दूरदराज के गांवों और शहरों से 14 से 18 वर्ष के उम्र के छात्रों का चयन किया गया है।

नासा

विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठिभूमि से आते हैं चुने गए छात्र

नासा के इस चैलेंज के लिए दुनिया भर से 61 टीमें चुनी गई हैं। भारत में छात्रों की टीम ओडिशा स्थित यंग टिंकर एजुकेशनल फाउंडेशन (पूर्व में नवोमनेश प्रसार फाउंडेशन) की देखरेख और निर्देशन में चुनी गई है। टीम में सिद्धांत घोष मुंबई से, चित्तिनेनी आकर्ष आंध्र प्रदेश से, साई अक्षरा वेमुरी आंध्र प्रदेश से और बासुदेबा भोई, आकांक्षा दास और ओम पाधी ओडिशा से हैं। ये छात्र विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठिभूमि से आए हैं।

रोवर

14 अप्रैल को नासा रोवर चैलेंज के लिए अमेरिका रवाना होंगे

छात्रों ने एक ऐसा रोवर बनाया है जो मंगल ग्रह और चंद्रमा की सतह की खोज करने और डाटा और तस्वीरों को वापस लाने में सक्षम है। नासा के इस चैलेंज में हिस्सा लेने वाली भारत के छात्रों की टीम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है। छात्रों की टीम के मेंटर अनिल प्रधान हैं जो यंग टिंकर के संस्थापक भी हैं। टीम के सभी छात्र 14 अप्रैल को अमेरिका की यात्रा करेंगे।

आकांक्षा

आकांक्षा को इस बार पहला स्थान पाने की उम्मीद

अनाथालय में रहने वाली आकांक्षा दास सरकारी ITI भुवनेश्वर में पढ़ती हैं। उन्होंने ANI को बताया कि नासा रोवर चैलेंज के इंटरव्यू के लिए पूरे भारत से 5,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया और उनमें से 6 छात्रों को चुना गया। आकांक्षा ने बताया कि टीम ने एक हल्का रोवर बनाया है। आखिरी बार विश्व स्तर पर तीसरा स्थान मिला था। आकांक्षा ने कहा इस बार पहला स्थान पाने की उम्मीद है।

ओम

बालगृह में रहते हैं रोवर चैलेंज के लिए चुने गए ओम पाधी

नासा रोवर चैलेंज के लिए भारत की टीम के लिए चुने गई ओम पाधी बाल गृह में रहते हैं। ओम ने कहा, "अनाथालय के लोग मेरी प्रतिभा को निखारने में मदद करते हैं। उन्होंने मेरी शिक्षा और विज्ञान में मेरी रुचि के लिए सभी जरूरी सहायता प्रदान करने की कोशिश की। उन्हें नासा के प्रोजेक्ट के बारे में पता चला और वे मुझे अनिल सर से मिलाने ले गए। मैंने इंटरव्यू दिया और सेलेक्ट हो गया।"

डिजाइन

मानव-संचालित रोवर्स को डिजाइन करते हैं छात्र

नासा HERC के तहत छात्रों की टीम मानव-संचालित रोवर्स को डिजाइन और डेवलप करती है। सभी टीमें इस प्रोग्राम के मापदंडों के आधार पर अपने-अपने रोवर को डिजाइन और असेंबल करके सभी चैलेंज को पूरा करती हैं। छात्रों की टीमों को इसके बदले नंबर दिए जाते हैं। सबसे अधिक अंक पाने वाली टीम विजेता होती है। एक टीम में कम से कम दो लोग जरूरी हैं जिनमें एक महिला प्रतिभागी अनिवार्य है।

चैलेंज

छात्रों को इंजीनियर बनाने के लिए प्रेरित करता है ये चैलेंज

छात्रों को डिजाइन किए गए रोवर से लगभग आधा मील पार करना होता है। रोवर के रास्ते में ग्रहों के मलबे, बोल्डर, कटाव की दरारें शामिल होती हैं और इस चैलेंज को पार करना होता है। छात्रों की टीमें ऐसे डिजाइन का निर्माण और टेस्टिंग करती है जो रोवर्स को विभिन्न वातावरण में प्रदर्शन करने में सक्षम बनाए। HERC छात्रों को नासा की अगली पीढ़ी की अंतरिक्ष प्रणालियों को डिजाइन करने के लिए इंजीनियर बनने के लिए प्रेरित करता है।