समुद्र के नीचे केबल सिस्टम बिछाएगी जियो, भारत को सिंगापुर और यूरोप से जोड़ेगी
भारत की सबसे बड़ी टेलिकम्युनिकेशन कंपनी रिलायंस जियो भारत को बड़े हाई-स्पीड इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ने वाली है। जियो ने इस सप्ताह घोषणा की है कि कंपनी भारत पर केंद्रित सबसे बड़ा सबमरीन केबल सिस्टम तैयार करेगी। कई की-ग्लोबल पार्टनर्स और वर्ल्ड-क्लास सबमरीन केबल सप्लायर सबकॉम (SubCom) के साथ मिलकर जियो दो नेक्स्ट-जेनरेशंस केबल बिछाने का काम करेगी। ये केबल्स भारत में बढ़ रही डाटा डिमांड को पूरा करने का काम करेंगे।
क्या होता है सबमरीन केबल सिस्टम?
दुनिया के देशों को आपस में इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब से जोड़ने के लिए मोटे केबल्स का एक नेटवर्क तैयार किया गया है, जो समुद्र के अंदर बिछाए गए हैं। महाद्वीपों और बड़े देशों के बीच इनकी मदद से डाटा ट्रांसफर होता है।
तैयार करेगी दो बड़े केबल सिस्टम
रिलायंस जियो जिन दो सबमरीन केबल सिस्टम्स पर काम कर रही है, उनमें इंडिया-एशिया-एक्सप्रेस (IAX) और इंडिया-यूरोप-एक्सप्रेस (IEX) शामिल हैं। पहला इंडिया-एशिया-एक्सप्रेस सिस्टम भारत के पूर्वी हिस्से को सिंगापुर और उसके आगे के देशों से जोड़ेगा। वहीं, दूसरा इंडिया-यूरोप-एक्सप्रेस सिस्टम भारत के पश्चिमी हिस्से को मिडिल ईस्ट और यूरोप से जोड़ने का काम करेगा। ये सिस्टम इंटरकनेक्ट होने के अलावा ग्लोबल सर्विस एक्सटेंशन के लिए दुनिया के टॉप इंटर-एक्सचेंज पॉइंट्स और कंटेंट हब्स से कनेक्ट हो जाएंगे।
पहली बार सिस्टम्स के केंद्र में होगा भारत
रिलायंस जियो ने कहा, "IAX और IEX के साथ कंज्यूमर और एंटरप्राइज यूजर्स के लिए भारत में और भारत से बाहर कंटेंट और क्लाउड सर्विसेज ऐक्सेस करना आसान हो जाएगा।" कंपनी ने बताया, "फाइबर ऑप्टिक सबमरीन टेलिकम्युनिकेशंस के इतिहास में पहली बार भारत इन सिस्टम्स से जुड़े इंटरनेशनल नेटवर्क मैप के केंद्र में होगा। 2016 में जियो की सेवाएं लॉन्च होने के बाद से भारत में डाटा के इस्तेमाल का तरीका बदला है और इसका महत्व बढ़ा है।"
200Tbps से ज्यादा होगी सिस्टम्स की क्षमता
नए हाई-कैपेसिटी और हाई-स्पीड सिस्टम्स के साथ 200Tbps से ज्यादा क्षमता यूजर्स को 16,000 किलोमीटर की रेंज में मिलेगी। ओपेन सिस्टम टेक्नोलॉजी और नई वेवलेंथ स्विच्ड RoADM/ब्रांचिंग यूनिट्स तय करेंगी कि इन्हें तेजी से अपग्रेड किया जाएगा और अलग-अलग लोकेशंस पर इनके साथ वेव्स ऐड या ड्रॉप की जा सकें। इन सिस्टम्स का फायदा 5G कनेक्टिविटी भारत में लाते वक्त इंटरनेट प्रोवाइडर्स और यूजर्स को मिलेगा और रिलायंस जियो की गीगाफाइबर सेवा के लिए भी ये अपग्रेड लेकर आएंगे।
कब तक तैयार होंगे IAX और IEX सिस्टम?
दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ी अर्थव्यवस्था भारत को IAX सिस्टम एशिया पैसिफिक मार्केट्स से मुंबई और चेन्नई से थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर एक्सप्रेस कनेक्टिविटी के जरिए जोड़ेगा। वहीं, IEX सिस्टम के साथ भारत की कनेक्टिविटी इटली और मिडिल ईस्ट के अलावा उत्तरी अफ्रीका तक बढ़ जाएगी। IAX के साल 2023 की दूसरी छमाही तक तैयार होने की उम्मीद की जा रही है, वहीं IEX सेवाएं देने के लिए साल 2024 की शुरुआत तक तैयार हो सकता है।