भारत में फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन से मिलती है कितनी स्पीड? ओखला ने शेयर की रिपोर्ट
स्पीड डाटा मॉनीटर करने वाले प्लेटफॉर्म ओखला की ओर से स्पीडटेस्ट इंटेलिजेंस डाटा रिपोर्ट शेयर की गई है। इसमें सामने आया है कि फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन वाले करीब 36 प्रतिशत भारतीय घरों में 50 से 300Mbps की रेंज में इंटरनेट स्पीड मिलती है। हालांकि, सबसे बड़ा शेयर अब भी 50Mbps से कम की रेंज में है, जो बेसिक कैटेगरी है। रिपोर्ट में 2021 की दूसरी तिमाही का डाटा शेयर किया गया है।
2.5 प्रतिशत यूजर्स की स्पीड 2Mbps से कम
ओखला ने बताया कि 2.5 प्रतिशत से ज्यादा यूजर्स को फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शंस के लिए हाल ही में टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से तय की गई मिनिमम 2Mbps ब्रॉडबैंड ग्रेड स्पीड नहीं मिलती। हालांकि, 97.5 प्रतिशत यूजर्स का बड़ा शेयर मिनिमम स्पीड थ्रेशहोल्ड से ज्यादा इंटरनेट स्पीड ऐक्सेस कर रहा है। बता दें, पिछले महीने TRAI ने नई मिनिमम फिक्स्ड ब्रॉडबैंड की स्पीड 2Mbps कर दी है, जो इससे पहले तक 512Kbps तय की गई थी।
बेसिक कैटेगरी में सबसे ज्यादा यूजर्स
TRAI की ओर से अलग-अलग इंटरनेट डाउनलोड स्पीड के हिसाब से स्लो, बेसिक, फास्ट और सुपर-फास्ट कैटेगरी तय की गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 36.7 प्रतिशत यूजर्स 50 से 300Mbps स्पीड के साथ फास्ट कैटेगरी में आते हैं। वहीं, केवल 0.7 प्रतिशत कनेक्शंस 300Mbps से ज्यादा स्पीड के साथ सुपर-फास्ट स्पीड ऑफर कर रहे हैं। सबसे ज्यादा यूजर्स बेसिक कैटेगरी वाले हैं, वहीं करीब 0.5 प्रतिशत को 512Kbps से भी कम स्पीड फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन से मिलती है।
फास्ट कैटेगरी में आते हैं ये मार्केट्स
फास्ट कैटेगरी में आने वाले प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु, चंडीगढ़ और कर्नाटक शामिल हैं। गुजरात और महाराष्ट्र में करीब 70 प्रतिशत से ज्यादा ब्रॉडबैंड कनेक्शंस बेसिक कैटेगरी में आते हैं। वहीं, करीब 0.5 प्रतिशत सुपर-फास्ट ब्रॉडबैंड कनेक्शंस अकेले दिल्ली में हैं। साफ है कि ज्यादातर शहरों में यूजर्स को ब्रॉडबैंड कनेक्शंस से बहुत अच्छी स्पीड नहीं मिल रही है और इस स्थिति में सुधार की जरूरत है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा अंतर नहीं
सामने आया डाटा दिखाता है कि फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा अंतर नहीं है। शहरी कनेक्शंस की बात करें तो करीब 58.7 कनेक्शंस बेसिक स्पीड कैटेगरी में आते हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 61.7 प्रतिशत कनेक्शंस इस कैटेगरी से जुड़े हैं। हालांकि, स्लो कनेक्शंस का प्रतिशत शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा है। मेट्रो शहरों में यूजर्स को बाकी मार्केट्स के मुकाबले बेहतर स्पीड मिल रही है।
ओखला को सुधार होने का भरोसा
स्पीड डाटा शेयर करते हुए ओखला ने कहा, "TRAI की ओर से स्पीड कैटेगरी लाना एक बड़ा कदम है, क्योंकि भारत में ब्रॉडबैंड ऑपरेटर्स इन स्पीड कैटेगरीज को अपनी मार्केटिंग और प्रोडक्ट्स में अपने आप इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे।" ओखला का कहना है कि ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइडर्स बेहतर ब्रॉडबैंड स्पीड्स के लिए सुधार करेंगे, जिससे वे अगली कैटेगरी में पहुंच सकें और मार्केट में मौजूद दूसरे विकल्पों से खुद को बेहतर साबित कर पाएं।
भारत में सबसे महंगा है फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन
मेलिटा की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड्स के मामले में भारत पड़ोसी देशों से कहीं आगे है, हालांकि इसके प्लान्स महंगे हैं। फिक्स्ड ब्रॉडबैंड के लिए भारत में यूजर्स 13.58 डॉलर (997.99 रुपये) की औसत कीमत चुकाते हैं और उन्हें 56.1Mbps की औसत डेली इंटरनेट स्पीड मिलती है। सर्वे में सामने आया है कि भारत में चार घंटे की एक फिल्म फिक्स्ड ब्रॉडबैंड की मदद से डाउनलोड करने में केवल 12 मिनट, 10 सेकेंड्स का वक्त लगता है।