पुराने एज ब्राउजर की छुट्टी करेगी माइक्रोसॉफ्ट, मिलेगा विंडोज 10 अपडेट
माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में मिलने वाले एज (Edge) ब्राउजर का अपनी स्लो परफॉर्मेंस और स्पीड के चलते मजाक बनता रहा है और कंपनी बीते दिनों मॉडर्न एज ब्राउजर लेकर आई है। माइक्रोसॉफ्ट चाहती है कि सभी यूजर्स को नए और मॉडर्न एज ब्राउजर पर शिफ्ट किया जाए और इसके लिए कंपनी बड़ा कदम उठाने जा रही है। विंडोज 10 यूजर्स को 13 अप्रैल मिलने वाले सिक्योरिटी अपडेट के साथ कंपनी पुराने एज ब्राउजर को पूरी तरह हटा देगी।
पीछे रह गया माइक्रोसॉफ्ट का ब्राउजर
करीब दो दशक पहले माइक्रोसॉफ्ट का इंटरनेट एक्सप्लोरर सबसे ज्यादा लोकप्रिय इंटरनेट ब्राउजर था लेकिन यह पिछड़ गया। फायरफॉक्स और गूगल क्रोम जैसे एडवांस्ड फीचर्स वाले ब्राउजर्स आने के बाद यूजर्स ने इंटरनेट एक्सप्लोरर को भुला दिया। ऐपल सफारी और गूगल क्रोम ब्राउजर जहां मोबाइल डिवाइसेज में भी जगह बना चुके थे, वहीं माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ब्राउजर का नाम बदलकर एज करने के अलावा बड़े बदलाव नहीं किए। अब माइक्रोसॉफ्ट ने पुराने ब्राउजर का नाम एज लिगेसी कर दिया है।
विंडोज में ब्राउजर-बेस्ड ऐप्स का सपोर्ट
माइक्रोसॉफ्ट ने शुरुआत में जहां क्रोम और फायरफॉक्स जैसे ब्राउजर्स को खतरा माना, वहीं बाद में इन्हें स्वीकार किया। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में ब्राउजर-बेस्ड ऐप्स का सपोर्ट भी दिया गया है। नया एज ब्राउजर गूगल क्रोम के क्रोमियम फाउंडेशन पर आधारित है और पहले ही विंडोज 10 वर्जन का डिफॉल्ट ब्राउजर है। माइक्रोसॉफ्ट ने घोषणा की है कि नया विंडोज सिक्योरिटी अपडेट मिलने के बाद पुराना एज ब्राउजर सिस्टम से डिलीट कर दिया जाएगा।
दो साल पहले आया नया एज ब्राउजर
माइक्रोसॉफ्ट ने नए एज ब्राउजर का पहला टेस्ट वर्जन अप्रैल, 2019 में रिलीज किया था। कंपनी ने एज ब्राउजर का स्टेबल वर्जन जनवरी, 2020 में सभी के लिए लॉन्च किया और इसे इंटरनेट से डाउनलोड किया जा सकता है। नया एज ब्राउजर काफी हद तक गूगल क्रोम जैसा एक्सपीरियंस देता है और इसमें कई मॉडर्न फीचर्स दिए गए हैं। हालांकि, क्रोम के मुकाबले इसमें वर्टिकल बैट अरेंजमेंट और हाउस इन्फॉर्मेशन कलेक्शन जैसे अंतर दिखते हैं।
नए सॉफ्टवेयर पर माइक्रोसॉफ्ट को भरोसा
माइक्रोसॉफ्ट ने इससे पहले विंडोज 8 के लिए भी सपोर्ट पूरी तरह खत्म कर दिया है और सभी यूजर्स को विंडोज 10 पर लेकर आई है। अब पुराने एज ब्राउजर को अपने सिस्टम से हटाते हुए कंपनी नए इंटरनेट ब्राउजर को पुश कर रही है। साफ है कि कंपनी अपने बिजनेस यूजर्स को बेहतर एक्सपीरियंस देने के लिए मॉडर्न सॉफ्टवेयर पर फोकस करना चाहती है और आउटडेटेड हो चुके सॉफ्टवेयर हटाना चाहती है।