
नोकिया ला रही है ऐसा फोन, जिसे ग्राहक खुद कर पाएंगे रिपेयर
क्या है खबर?
स्मार्टफोन के मामले में सबसे ज्यादा दिक्कत तब होती है, जब उनमें कोई खराबी आ जाती है, लेकिन अब नोकिया ऐसा फोन लाने जा रही है, जिसे यूजर्स खुद से रिपेयर कर सकते हैं।
HMD ग्लोबल द्वारा तैयार किया गया नोकिया G22 ऐसा ही फोन है।
यह फोन ब्रिटेन में 8 मार्च को लगभग 15,000 रुपये की कीमत में लॉन्च किया जाएगा। इस फोन को इसका बाहरी और अंदर का हिस्सा इसे खास बनाता है।
नोकिया
पुर्जे खरीद कर बदल सकेंगे ग्राहक
नोकिया के इस फोन के पिछले हिस्से को रिसाइकिल होने वाले प्लास्टिक से बनाया गया है। हालांकि, यह वॉटरप्रूफ नहीं है।
हार्डवेयर रिपेयर एडवोकेसी फर्म iFixit के टूल और रिपेयर गाइड के साथ यूजर्स फोन के बैक कवर, बैटरी, स्क्रीन और चार्जिंग पोर्ट को हटा और बदल सकते हैं।
बदले जाने वाले पुर्जों को iFixit से खरीदा जा सकेगा। बैटरी को लगभग 2,200 रुपये, स्क्रीन के लिए 4,500 रुपये और चार्जिंग पोर्ट के लिए लगभग 1,900 रुपये खर्च करने होंगे।
जानकारी
रिपेयरिंग प्रक्रिया में एक्सचेंज की तुलना में आता है कम खर्च
HMD ग्लोबल के प्रोडक्ट मार्केटिंग प्रमुख एडम फर्ग्यूसन ने कहा कि खुद से रिपेयर किए जाने वाले फोन आने से पुराने फोन को नए से बदलने की तुलना में औसतन 30 प्रतिशत कम खर्च आएगा।
टिकाऊ
फोन निर्माता कंपनियों पर 'राइट टू रिपेयर' का दबाव?
इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए नियामकों के दबाव के चलते स्मार्टफोन कंपनियां ऐसे फोन बनाने पर काम कर रही हैं जो टिकाऊ हों। इसके पीछे का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक कचरे को कम करना है।
उदाहरण के लिए, यूरोपीय संसद के कानून निर्माता ऐसे कानून की मांग कर रहे हैं जो निर्माताओं द्वारा यूजर्स को मरम्मत का अधिकार (राइट टू रिपेयर) देने के लिए मजबूर करे। राइट टू रिपेयर यूरोपीय देशों में एक आंदोलन बनता जा रहा है।
ऐपल
नोकिया ने बेच दिया अपना मोबाइल कारोबार
बाजार में जब से ऐपल और सैमसंग जैसी कंपनियों ने अपनी पकड़ मजबूत की, तब से नोकिया ने मोबाइल बाजार से अपने कदम पीछे खींच लिए या कहें कि पिछड़ते चली गई।
नोकिया ने 2014 में अपना मोबाइल बिजनेस माइक्रोसॉफ्ट को बेच दिया था, जिसे बाद में नोकिया के पूर्व कर्मचारियों द्वारा बनाई गई कंपनी HMD ने खरीदा। HMD द्वारा बेचे जाने वाले प्रत्येक फोन पर नोकिया रॉयल्टी शुल्क लेता है।
दबाव
ऐपल को भी शुरू करना पड़ा रिपेयर प्रोग्राम
ऐपल जैसी कंपनियां जो ग्राहकों को मरम्मत का अधिकार देने की इच्छुक नहीं थी, लेकिन नवंबर 2021 में उसे भी सेल्फ सर्विस रिपेयर प्रोग्राम शुरू करना पड़ा।
दिसंबर में आईफोन निर्माता ने बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, पोलैंड, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन सहित 8 यूरोपीय देशों में इस कार्यक्रम का विस्तार किया।
इनके अलावा एक डच फर्म फेयरफोन भी ऐसे फोन बनाती है, जिन्हें ग्राहक रिपेयर कर सकते हैं और उसके खराब पुर्जों को बदलना संभव होता है।