गूगल लाई नई ऐप, बिना ब्लूटूथ या इंटरनेट के कनेक्ट हो पाएंगे डिवाइस
क्या है खबर?
सर्च इंजन कंपनी गूगल ने स्मार्टफोन्स को आपस में कनेक्ट करने का एक नया तरीका ईजाद किया है और वाई-फाईनैनस्कैन (WifiNanScan) ऐप लॉन्च की है।
9to5Google की रिपोर्ट के मुताबिक, यह ऐप एंड यूजर्स के लिए नहीं है लेकिन फोन इस्तेमाल करने के उनके तरीके को जरूर बदल देगी।
गूगल की नई वाई-फाईनैनस्कैन ऐप डिवेलपर्स के लिए लाई गई है, जिससे वे वाई-फाई अवेयर के साथ एक्सपेरिमेंट्स कर पाएं और नए फीचर्स पर काम कर सकें।
नेटवर्क
डिवाइसेज के बीच नेटवर्क तैयार कर देगा API
वाई-फाई अवेयर नेबर अवेयरनेस नेटवर्किंग (NAN) से जुड़ा होता है और इसे एंड्रॉयड 8 और इसके बाद वाले वर्जन पर काम कर रहे डिवाइसेज कनेक्ट हो सकते हैं।
इसके साथ 'बिना ब्लूटूथ या इंटरनेट के नजदीकी डिवाइसेज को खोजा जा सकता है और उनसे डायरेक्ट कनेक्शन' बनाया जा सकता है।
यह API आसपास मौजूद डिवाइसेज का पता लगाकर उनके बीच एक नेटवर्क तैयार कर देती है, जिसका इस्तेमाल डाटा शेयरिंग या शॉर्ट मेसेज भेजने के लिए किया जा सकता है।
फायदा
ब्लूटूथ के मुकाबले मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी
आसपास मौजूद डिवाइसेज को आपस में कनेक्ट रने के लिए वाई-फाई अवेयर सुविधा अच्छा विकल्प साबित हो सकती है।
गूगल ने बताया है कि वाई-फाई अवेयर ज्यादा लंबी दूरी के कनेक्शंस के लिए ब्लूटूथ के मुकाबले ज्यादा थ्रोपुट रेट्स सपोर्ट करती है।
इसके साथ बिना नेटवर्क में लॉग-इन किए प्रिंटर तक डॉक्यूमेंट्स भेजने, स्कूल चेक-इन और रोल-कॉल के लिए टाइमस्टैंम्प लगाने और रेस्तरां के मेन्यू चेक करने जैसे काम किए जा सकेंगे।
प्ले स्टोर
गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करने का विकल्प
आप गूगल प्ले स्टोर से वाई-फाईनैनस्कैन ऐप इंस्टॉल कर सकते हैं।
प्ले स्टोर लिस्टिंग के मुताबिक, "इस ऐप की मदद से एक मीटर से लेकर 15 मीटर तक की दूरी का पता लगाया जा सकता है। डिवेलपर्स, OEMs और रिसर्चर्स इस ऐप का इस्तेमाल डिस्टेंस और रेंज मीजरमेंट्स मॉनीटर करने के लिए कर सकते हैं।"
इसका इस्तेमाल पीयर-टू-पीयर रेंजिंग और डाटा ट्रांसफर, फाइंड माय फोन और वाईफाई अवेयर या NAN API बेस्ड कॉन्टेक्स्ट-अवेयर ऐप्लिकेशंस के लिए किया जा सकता है।
टेक्नोलॉजी
बदल जाएगा कनेक्टिविटी का तरीका
नई कनेक्टिविटी टेक्नोलॉजी के साथ यूजर्स को ब्लूटूथ या इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी, जो बात इसका इस्तेमाल बेहतर और आसान बना देती है।
इसके साथ स्ट्रीमलाइन एयरपोर्ट सिक्योरिटी, कस्टम्स और इमिग्रेशन प्रोसेसिंग का काम मोबाइल आइडेंटिफिकेशन कर किया जा सकेगा।
इसके बाद किसी फिजिकल ID के बजाय लोग ड्राइवर्स लाइसेंस और पासपोर्ट डिजिटल रूप में इस्तेमाल कर पाएंगे।
गूगल एंड्रॉयड 12 ऑपरेटिंग सिस्टम में वाई-फाई अवेयर से जुड़े फीचर्स ला सकती है।