AI से लैस रोबोट खोई वस्तु खोजने में कर सकता है मदद, इनके साबित होगा उपयोगी
क्या है खबर?
बीते कुछ महीनों में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में चारों तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की गूंज सुनाई दे रही है।
कुछ अपने बिजनेस और अन्य कार्यों के लिए पहले से मौजूद AI का इस्तेमाल कर रहे हैं और कई AI आधारित नई टेक्नोलॉजी विकसित कर रहे हैं।
एक नई जानकारी के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने रोबोट को प्रोग्राम करने के लिए एक AI आधारित एक नई टेक्नोलॉजी विकसित की है। यह रोबोट लोगों की खोई वस्तुओं का पता लगाने में मदद करेगा।
शोधकर्ता
डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी होगा रोबोट
शोधकर्ता शुरुआत में डिमेंशिया से पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए इस टेक्नोलॉजी का उपयोग करना चाहते हैं।
भविष्य में इस टेक्नोलॉजी के जरिए शोधकर्ता लोगों की आवश्यक वस्तुओं जैसे कि दवाएं, चश्मा, फोन और उनके द्वारा खोई गई अन्य वस्तुओं का पता लगाने में मदद करेंगे।
कनाडा में वाटरलू यूनिवर्सिटी में पोस्ट डॉक्टरेट फेलो अली अयूब ने कहा कि इसका दीर्घकालिक प्रभाव वास्तव में रोमांचक है।
डिमेंशिया
पीड़ित की देखरेख करने वाले को होगी आसानी
डिमेंशिया ऐसी बीमारी है, जिसमें पीड़ित को कुछ याद नहीं रहता और इसके साथ ही दिमागी भ्रम की स्थिति रहती है।
इस बीमारी से पीड़ित कई लोग बार-बार रोजमर्रा की वस्तुओं और उनके रखे स्थान को भूल जाते हैं। इससे उनकी देखरेख करने वालों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।
इस तरह का रोबोट आ जाने से उनकी देखभाल करने वालों को भी आसानी होगी और डिमेंशिया पीड़ित की दूसरों पर निर्भरता भी कुछ कम होगी।
टेक्नोलॉजी
गेम-चेंजर हो सकता है रोबोट
शोधकर्ताओं का मानना है कि AI आधारित नई टेक्नोलॉजी वाला रोबोट खुद की एपिसोडिक मेमोरी से लैस है और ये उपर्युक्त परिस्थितियों के लिए गेम-चेंजर हो सकता है।
उन्होंने बताया कि वो नई तरह की AI के जरिए नई तरह की आर्टिफिशियल मेमोरी बनाने में सफल रहे हैं।
टीम ने वस्तुओं का पता लगाने, ट्रैक करने और मेमोरी लॉग रखने के लिए रोबोट को प्रोग्राम करने के लिए ऑब्जेक्ट-डिटेक्शन एल्गोरिदम का उपयोग किया।
इंटरफेस
ये हैं AI आधारित रोबोट की क्षमताएं
ये रोबोट एक वस्तु से दूसरे को अलग करने में सक्षम है और समय, दिनांक और वस्तुओं को रिकॉर्ड कर सकता है।
शोधकर्ताओं ने एक ग्राफिकल इंटरफेस विकसित किया। इससे यूजर्स उन वस्तुओं को चुन सकते हैं, जिन्हें वे ट्रैक करना चाहते हैं।
वस्तुओं का नाम टाइप करने के बाद उन्हें स्मार्टफोन ऐप या कंप्यूटर पर खोजें। एक बार ऐसा होने के बाद रोबोट यह संकेत देता है कि उसने आखिरी बार किसी वस्तु को कब और कहां देखा था।
जानकारी
काफी सटीक है सिस्टम
परीक्षणों से पता चला है कि सिस्टम काफी सटीक है। हालांकि, डिमेंशिया पीड़ितों को टेक्नोलॉजी थोड़ी कठिन लग सकती है। अयूब ने कहा कि पीड़ित की देखभाल करने वाले आसानी से इसका उपयोग कर सकते हैं।