
चांद पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को पानी के टैंकर में ट्रेनिंग दे रही NASA
क्या है खबर?
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA 2024 में चांद पर आर्टेमिस मिशन भेजेगी।
चांद पर NASA के इस दूसरे मिशन के तहत एक महिला अंतरिक्ष यात्री को भी चांद पर भेजा जाएगा।
इस मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है।
इसके लिए NASA एक पानी के बड़े टैंकर का इस्तेमाल कर रही है। इस टैंकर में अंतरिक्ष यात्रियों को खुद को स्पेस की कम ग्रैविटी के माहौल के ढालने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
ट्रेनिंग
पानी के टैंकर में दी जा रही स्पेसवॉक की ट्रेनिंग
NASA ने जानकारी दी कि वो अंतरिक्ष यात्रियों को तैयार करने के लिए ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में बनी लैब का इस्तेमाल कर रही है।
NASA ने एक फोटो जारी कर दिखाया है कि अंतरिक्ष यात्री कैसे तैयारियां कर रहे हैं।
टैंकर में उन्हें स्पेस स्टेशन से बाहर स्पेसवॉक की ट्रेनिंग करवाई जा रही है।
अभी वैज्ञानिक इन तैयारियों में लगे हैं कि चांद पर जाने के बाद अंतरिक्ष यात्री कैसे रहेंगे और वहां पर काम कैसे करेंगे।
ट्रेनिंग
चांद पर पृथ्वी के मुकाबले कम है ग्रैविटी
एजेंसी ने बताया कि अंतरिक्ष यात्री चांद पर रुकने का ठिकाना बनाने, सैंपल कलेक्ट करने और जरूरी प्रयोगों को अंजाम देने की ट्रेनिंग ले रहे हैं।
फोटो में देखा जा सकता है कि पानी में उतरने इन एस्ट्रोनॉट्स के पास ऐेसे बूट्स और ग्लवस हैं जो उन्हें चांद पर उतरने के दौरान मिलने वाले सामानों से काफी मिलते-जुलते हैं।
बता दें, चांद पर पृथ्वी के मुकाबले छह गुना कम ग्रैविटी है।
मिशन
2020 में भेजा जाएगा मून ऑर्बिटर
NASA अपने आर्टेमिस मिशन की तैयारी के लिए दिसंबर 2020 में एक मून ऑर्बिटर लॉन्च करेगी।
यह ऑर्बिटर चांद के चारों ओर चक्कर लगाएगा और चांद से जुड़ी जरूरी सूचनाएं भेेजेगा। इन सूचनाओं को NASA 2024 के मिशन के लिए इस्तेमाल करेगी।
NASA ने यह ऑर्बिटर बनाने के लिए कोलोरेडो स्थित इंजीनियरिंग कंपनी एडवांस्ड स्पेस को 13.7 मिलियन डॉलर का ठेका दिया है।
स्पेस एजेंसी इसे अगले साल दिसंबर में लॉन्च करेगी।
ISRO की मदद
विक्रम से संपर्क करने में मदद कर रही NASA
NASA चंद्रयान-2 मिशन के तहत भेजे गए विक्रम लैंडर से संपर्क साधने में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की मदद कर रही है।
NASA के डीप स्पेस नेटवर्क के तीन सेंटर से विक्रम को सिग्नल भेजे जा रहे हैं। ये सेंटर मैड्रिड, कैलिफोर्निया के गोल्डस्टोन और कैनबरा में स्थित है। ये सिग्नल विक्रम को मिल रहे हैं, लेकिन वहां से जवाब नहीं मिल रहा है।
बता दें कि NASA ने चंद्रयान-2 मिशन के लिए ISRO की तारीफ की थी।