
नासा ने यीशु की मृत्यु के सटीक दिन का किया खुलासा, यह जानकारी आई सामने
क्या है खबर?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने यीशु मसीह की मृत्यु की सटीक तिथि का खुलासा किया है। इससे अटकलों पर विराम लग सकता है।
नासा के खगोलीय मॉडल संकेत देते हैं कि शुक्रवार (3 अप्रैल) 33 ईस्वी को चंद्र ग्रहण हुआ था। इस तिथि को कई विद्वान यीशु की मृत्यु से जोड़ते हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि नासा की खोज से बाइबिल में यीशु के सूली पर चढ़ने के विवरण की पुष्टि हो सकती है।
तथ्य
बाइबिल से मेल खाते हैं नासा के तथ्य
शोधकर्ताओं के अनुसार, बाइबिल में वर्णित सूर्य का अंधकार में बदल जाना और चंद्रमा का रक्त में बदल जाना यीशु की मृत्यु के बाद की घटनाओं का संदर्भ देता है।
यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बाइबिल के अनुसार, ब्रह्मांडीय घटना सूर्यास्त के ठीक बाद यरूशलेम में दिखाई दी होगी, जिसमें चंद्रमा की स्थिति समग्र परिदृश्य को लाल रंग प्रदान करती है।
इतिहासकारों का मानना है कि नासा द्वारा पहचाना गया चंद्र ग्रहण बाइबिल में वर्णित चंद्रग्रहण ही था।
खोज
नासा ने 1990 में ही कर ली थी खोज
इसे 1990 के दशक में खोजा था, लेकिन गुड फ्राइडे पर चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह फिर से वायरल हो गया।
नासा ने कहा, "ईसाई ग्रंथों में उल्लेख है यीशु के सूली पर चढ़ने के बाद चंद्रमा खून में बदल गया था। यह संभवतः चंद्रग्रहण के कारण हुआ, जिसके दौरान चंद्रमा लाल रंग का हो जाता है।"
बाइबिल के अनुसार, "प्रभु के महान और गौरवशाली दिन के आने से पहले सूर्य अंधकारमय हो जाएगा और चंद्रमा रक्तमय हो जाएगा।"