मेटा ने लॉन्च किया AI ट्रांसलेशन मॉडल, करेगा 200 भाषाओं का एक-दूसरे में अनुवाद
दुनिया को जोड़ने के मकसद से लॉन्च की गई सोशल मीडिया सेवा फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा भाषाई दूरियों को मिटाने का काम भी कर रही है। गूगल ट्रांसलेट की तर्ज पर मेटा ने एक AI मॉडल लॉन्च किया है, जिसकी मदद से एक भाषा से दूसरी भाषा में आसानी से अनुवाद किया जा सकेगा। कंपनी CEO मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी कंपनी नए टूल के साथ 200 भाषाओं का एक-दूसरे में अनुवाद कर सकती है।
साल 2020 में की थी इनोवेशन की शुरुआत
मेटा ने इस इनोवेशन की शुरुआत साल 2020 में की गई थी और केवल दो साल में भाषाओं की संख्या दोगुनी कर दी गई है। पहले यह टूल किसी लिंक को इंग्लिश में ब्रेक कर सकता था और ढेरों अलग-अलग भाषाओं से जुड़े सोर्सेज के साथ ऐसा किया जा सकता था। हालांकि, नया मॉडल एक से दूसरी भाषा में बिना इंग्लिश में गए अनुवाद कर सकता है। उदाहरण के लिए, चाइनीज भाषा से स्पेनिश में सीधे ट्रांसलेशन किया जा सकेगा।
'नो लैंग्वेज लेफ्ट बिहाइंड' है मॉडल का नाम
मेटा ने ब्लॉग पोस्ट में बताया कि लाखों यूजर्स केवल भाषा से जुड़ी दिक्कत के चलते डिजिटल कंटेंट नहीं ऐक्सेस करते और कन्वर्सेशंस का हिस्सा नहीं बन पाते। परेशानी से निपटने के लिए AI रिसर्चर्स ने 'नो लैंग्वेज लेफ्ट बिहाइंड' (NLLB) मॉडल तैयार किया है। हाई-क्वॉलिटी मशीन ट्रांसलेशन क्षमता के साथ यह दुनिया की ज्यादातर भाषाओं को सपोर्ट करता है। मेटा का दावा है कि NLLB-200 मॉडल मौजूदा किसी भी टेक्नोलॉजी से बेहतर अनुवाद कर सकता है।
मौजूदा रिसर्च के मुकाबले कहीं बेहतर नतीजे
कंपनी ने बताया कि पिछली AI रिसर्च की तुलना में NLLB-200 ने औसत 44 प्रतिशत बेहतर परफॉर्म किया। वहीं, कुछ अफ्रीकन और भारतीय भाषाओं के लिए इस मॉडल का ट्रांसलेशन 70 प्रतिशत से ज्यादा सटीक पाया गया। NLLB-200 में सुधार करने और इसे समझने के लिए मेटा ने FLORES-200 डाटासेट तैयार किया है, जो रिसर्चर्स की 40,000 अलग-अलग लैंग्वेज डायरेक्शंस में मॉडल परफॉर्मेंस समझने में मदद करेगा। मॉडल के लिए कंपनी दो लाख डॉलर का ग्रांट भी दे रही है।
मौजूदा और भविष्य की टेक्नोलॉजी के साथ इस्तेमाल
सोशल मीडिया कंपनी को उम्मीद है कि नए मॉडल का इस्तेमाल फेसबुक, इंस्टाग्राम फीड्स और दूसरी टेक्नोलॉजी में रोजाना 25 अरब से ज्यादा अनुवाद करने में मदद करेगा। इसका इस्तेमाल मेटा की ऐप्स फैमिली (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप वगैरह) के अलावा मेटावर्स, रिसर्च-एक्सपेरिमेंट्स और एजुकेशन के क्षेत्र में भी किया जा सकेगा। नए मॉडल की सफलता तय करेगी कि किसी एक भाषा में बनाए गए टूल या सर्विस का इस्तेमाल, दुनिया की अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग कर पाएं।
गूगल ट्रांसलेट को मिला 24 नई भाषाओं का सपोर्ट
अनुवाद आसान बनाने वाले गूगल ट्रांसलेट टूल को बीते दिनों कंपनी ने 24 नई भाषाओं का सपोर्ट दिया है। अब इसकी मदद से 133 भाषाओं में अनुवाद का विकल्प दुनियाभर के यूजर्स को मिल रहा है। नई भाषाओं में असमिया, एमारा, बंबारा, भोजपुरी, धिवेही, डोगरी, इवी, गुआरनी, इलोकानो, कोंकणी, क्रियो, कुर्दिश, लिंगाला, लुगांडा, मैथिली, मणिपुरी, मिजो, ओरोमो, क्वेचुआ, संस्कृत, सेपेदी, टिग्रिन्या, ट्सॉन्गा और ट्वी शामिल हैं। गूगल की मानें तो दुनिया के करीब 30 करोड़ लोग ये भाषाएं बोलते हैं।