ISRO आज आदित्य-L1 को L1 कक्षा में करेगा स्थापित, हैं ये बड़ी चुनौतियां
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आदित्य-L1 अंतरिक्ष यान को आज (6 जनवरी) शाम 04:00 बजे पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर सूर्य के L1 कक्षा में स्थापित करेगा।
आदित्य-L1 अंतरिक्ष यान को कक्षा में स्थापित होने के दौरान और बाद में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
इसके लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिक बारीकी से काम कर रहे हैं और आदित्य-L1 मिशन में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) भी ISRO का मदद कर रही है।
चुनौतियां
आदित्य-L1 के लिए हैं ये चुनौतियां
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ISRO के पूर्व वैज्ञानिक मनीष पुरोहित ने कहा है कि आदित्य-L1 को कक्षा में स्थापित करने के दौरान कई बातों का ध्यान रखना पड़ेगा। हेलो कक्षा की जटिल 3D प्रकृति के कारण आदित्य-L1 की चुनौतियां बढ़ जाती हैं, क्योंकि यह गतिशील L1 पॉइंट के चारों ओर घूमती है। ऐसे में आदित्य-L1 ऐसे पॉइंट की परिक्रमा करेगा, जो स्थिर नहीं है बल्कि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गति के साथ बदलता रहता है।
चुनौतियां
ये भी हैं चुनौतियां
किसी भी अंतरिक्ष यान के टकराव से बचना भी आदित्य-L1 के लिए एक बड़ी चुनौती है।
अन्य मिशनों या अंतरिक्ष यान के साथ टकराव को रोकने के लिए आदित्य-L1 को अपनी कक्षा में नेविगेट करना होगा।
चंद्रयान-2 के समान आदित्य-L1 के क्रैश होने की आशंका नहीं है।
हालांकि, अगर समय से इसकी गति धीमी नहीं होती है तो यह L1 बिंदु द्वारा गुरुत्वाकर्षण कैप्चर करने से छूट जाएगा, जिससे वह कक्षा से बाहर हो सकता है।