गूगल-एपिक मामला: कोर्ट ने प्ले स्टोर पर थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर को अनुमति का दिया आदेश
क्या है खबर?
गूगल ने घोषणा की है कि वह गूगल प्ले स्टोर पर प्रतिस्पर्धी थर्ड पार्टी ऐप स्टोर को अनुमति देगी। यह फैसला एपिक गेम्स और गूगल के बीच चल रहे कानूनी विवाद का नतीजा है।
अमेरिकी जिला न्यायाधीश जेम्स डोनाटो ने एपिक बनाम गूगल मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए गूगल को अगले तीन साल के लिए अपने प्ले स्टोर को प्रतियोगिता के लिए खोलने का निर्देश दिया है।
यह फैसला ऐप स्टोर बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।
फैसला
फैसले में क्या कहा गया?
रिपोर्ट के अनुसार, फैसले में कहा गया है कि गूगल प्ले को दूसरे थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर को होस्ट करना चाहिए।
इसका मतलब है कि ये प्रतिस्पर्धी ऐप स्टोर गूगल प्ले के सभी ऐप्स तक पहुंच सकेंगे, जब तक कि ऐप डेवलपर्स खुद को इससे बाहर नहीं निकालते। यानी, डेवलपर्स की सहमति से ही उनके ऐप्स को दूसरे स्टोर पर उपलब्ध नहीं किया जा सकेगा।
इससे यूजर्स विविध ऐप स्टोर से चुन सकते हैं और डेवलपर्स को अधिक विकल्प मिलेंगे।
फैसला
फैसले में और क्या कहा गया?
न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि गूगल को गूगल प्ले स्टोर से कमाए गए राजस्व को किसी भी व्यक्ति या संगठन के साथ साझा नहीं करना चाहिए, जो एंड्रॉयड ऐप वितरित करता है या नया ऐप स्टोर खोलने की योजना बना रहा है।
यह निर्णय गूगल के लिए एक महत्वपूर्ण रियायत है, जिससे डेवलपर्स को अपने ऐप्स को वितरित करने में अधिक लचीलापन और स्वतंत्रता मिलेगी। यह बदलाव यूरोपीय संघ (EU) के डिजिटल मार्केट्स एक्ट के अनुरूप है।
मामला
गूगल और एपिक के बीच क्या है कानूनी लड़ाई?
गूगल और एपिक के बीच लड़ाई का मुख्य कारण प्ले स्टोर के नियम हैं। एपिक ने आरोप लगाया कि गूगल कमिशन लेकर और अन्य ऐप स्टोर को रोककर प्रतिस्पर्धा में बाधा डालती है।
मामला 2020 में शुरू हुआ, जब एपिक ने फोर्टनाइट गेम में अपना पेमेंट सिस्टम शामिल करने की कोशिश की, जिसके बाद गूगल ने ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया। अब न्यायाधीश ने गूगल को प्रतिस्पर्धा के लिए अपने प्ले स्टोर को खोलने का आदेश दिया है।
अपील
फैसले के खिलाफ अपील करेगी गूगल
गूगल एपिक के फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है और कोर्ट से मांग करेगी कि फैसले को रोक दिया जाए जब तक उसकी अपील की समीक्षा नहीं हो जाती।
गूगल का कहना है कि एंड्रॉयड को एक अलग बाजार के रूप में नहीं देखना चाहिए और यह भी कि गूगल और ऐपल दोनों ऐप डेवलपर्स के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। कंपनी का तर्क है कि यह फैसला ऐपल के एक पुराने फैसले का विरोध करता है।