
नासा के टेलीस्कोप ने की यूरेनस के नए चंद्रमा की खोज
क्या है खबर?
अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने यूरेनस की परिक्रमा कर रहे एक नए, पहले से अज्ञात छोटे चंद्रमा की खोज की है। यह चंद्रमा करीब 10 किलोमीटर चौड़ा है, जो इसे बेहद छोटा और धुंधला बनाता है। इसका छोटा आकार ही वजह है कि न तो पहले की दूरबीनें और न ही वॉयजर-2 अंतरिक्ष यान इसे देख पाए थे। वैज्ञानिकों ने इस खोज को बेहद महत्वपूर्ण माना है।
कक्षा
स्थिति और कक्षा की जानकारी
इस नए चंद्रमा को फिलहाल S/2025 U1 नाम दिया गया है। यह यूरेनस के केंद्र से लगभग 56,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और ग्रह के मुख्य वलय तंत्र के ठीक बाहर ओफेलिया और बियांका नामक चंद्रमाओं के बीच परिक्रमा कर रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी गोलाकार कक्षा इस ओर इशारा करती है कि यह अपने वर्तमान स्थान के पास ही बना होगा। इससे यूरेनस के चंद्रमाओं की संख्या बढ़कर अब 29 हो गई है।
विशेष
यूरेनस के चंद्रमा क्यों हैं विशेष?
यूरेनस के चंद्रमा विशेष हैं, क्योंकि उनके नाम शेक्सपियर और अलेक्जेंडर पोप की रचनाओं के पात्रों पर आधारित होते हैं। नया खोजा गया चंद्रमा अभी आधिकारिक नाम का इंतजार कर रहा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ की मंजूरी के बाद दिया जाएगा। यह चंद्रमा यूरेनस के 5 प्रमुख सैटेलाइट्स (मिरांडा, एरियल, अम्ब्रिएल, टाइटेनिया और ओबेरॉन) की कक्षाओं के अंदर पाया गया 14वां छोटा चंद्रमा है, जिससे यूरेनस की चंद्र प्रणाली और भी रोचक बन गई है।
संभावना
आगे और खोज की संभावना
वैज्ञानिकों का मानना है कि यूरेनस के पास छोटे चंद्रमाओं और वलयों की एक बेहद जटिल संरचना है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह खोज बताती है कि ग्रह का अतीत काफी अराजक रहा होगा और वलयों तथा चंद्रमाओं के बीच गहरा संबंध है। SETI संस्थान के वैज्ञानिकों ने कहा कि यूरेनस के आसपास और भी कई चंद्रमा मौजूद हो सकते हैं। जेम्स टेलीस्कोप की उन्नत तकनीक ने इस खोज को संभव बनाया और आगे और खोज की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।