व्हाट्सऐप माइक्रोफोन मामले में गूगल ने बग को माना वजह, कर रही है फिक्स
व्हाट्सऐप पर हाल ही में ऐप का इस्तेमाल न होने पर भी स्मार्टफोन के माइक्रोफोन का इस्तेमाल करने का आरोप लगा। उसने इसे एंड्रॉयड में एक बग बताते हुए गूगल से इसकी जांच करने को कहा। अब गूगल ने गुरुवार को कहा कि उसने एंड्रॉयड में बग की खोज की जो प्राइवेसी डैशबोर्ड में 'गलत प्राइवेसी इंडीकेटर्स और नोटिफिकेशन' दे रहा था और इसलिए ऐसा लगता है कि इस्तेमाल न करने के दौरान भी व्हाट्सऐप माइक्रोफोन का इस्तेमाल करता था।
फिक्स डेवलप कर रही है गूगल - प्रवक्ता
गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह अपने यूजर्स के लिए फिक्स डेवलप करने पर काम कर रहा था। इस हफ्ते की शुरुआत में ही ट्विटर में काम करने वाले एक इंजीनियर ने एक स्क्रीनशॉट शेयर कर आरोप लगाया था कि जब वह सो रहा था उस समय भी व्हाट्सऐप उसके स्मार्टफोन के माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर रहा था। इस मामले में एलन मस्क सहित कई अन्य यूजर्स ने भी प्राइवेसी को लेकर चिंता जाहिर की।
तैयार किया जा रहा है DPDP बिल
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को व्हाट्सऐप मामले को प्राइवेसी का अस्वीकार्य उल्लंघन बताते हुए तुरंत इसकी जांच करने और प्राइवेसी के किसी भी उल्लंघन पर कार्रवाई करने की बात कही थी। उन्होंने यह भी बताया कि नया डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन (DPDP) बिल तैयार किया जा रहा है। इससे पहले मंगलवार को व्हाट्सऐप ने कहा था कि वह उस शख्स के संपर्क में है जिसने मुद्दे को उठाया था।
सिर्फ कॉल और रिकॉर्डिंग के दौरान व्हाट्सऐप इस्तेमाल करता है माइक्रोफोन
व्हाट्सऐप ने अपनी सफाई में दावा किया था कि यूजर्स का उनके फोन के माइक सेटिंग्स पर पूरा कंट्रोल होता है। व्हाट्सऐप ने कहा कि माइक्रोफोन परमिशन के तहत व्हाट्सऐप फोन के माइक को सिर्फ उतने समय तक के लिए ही एक्सेस करता है जब तक यूजर्स ऑडियो/वीडियो कॉल या वायस रिकॉर्ड करते हैं। ऐप ने कहा कि व्हाट्सऐप पर होने वाली बातचीत एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से प्रोटेक्टेड होती है और इस वजह से व्हाट्सऐप उस बातचीत को सुन नहीं सकती।
DPDP बिल का उद्देश्य
फेसबुक, व्हाट्सऐप सहति कई ऐप्स पर यूजर्स के डाटा का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहते हैं। ऐसे में यूजर्स के डाटा और प्राइवेसी के लिए सरकार 'डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2022' लाने की तैयारी में है। इसका उद्देश्य डिजिटल पर्सनल डाटा से जुड़े रेगुलेशन उपलब्ध करना है। DPDP में सरकार ने लोगों के पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल यानी कानून तोड़ने वाली कंपनियों पर पेनाल्टी की रकम बढ़ाकर 500 करोड़ रुपए तक कर दी है।