भारत में डीपफेक और AI जनरेटेड कंटेट से लड़ने के लिए ये काम करेगी गूगल
पिछले कुछ समय से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से जनरेट किए गए डीपफेक कंटेट को लेकर बहस चल रही है। इसी बीच गूगल ने उन तरीकों की जानकारी दी है, जिनकी मदद से वह भारत में डीपफेक कंटेट से लड़ेगी। कंपनी ने कहा कि डीपफेक और AI जनरेटेड झूठी जानकारियों से लड़ने का कोई आसान तरीका नहीं है, लेकिन वह मशीन लर्निंग और इंसानी रिव्यूर्स की मदद से इसका सामना करने का प्रयास कर रही है।
सरकार के साथ मिलकर काम करेगी गूगल
गूगल ने कहा कि वह डीपफेक और झूठी जानकारियों वाले अभियानों से जनित सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। कंपनी ने कहा कि फर्जी तस्वीरों से निपटने वह एम्बेडेड वाटरमार्क और मेटाडाटा लेबलिंग जैसे सिस्टम का सहारा ले रही है। यूट्यूब क्रिएटर्स के लिए भी कंपनी जल्द ही यह जानकारी देना जरूरी कर सकती है कि उन्होंने किसी AI टूल्स की मदद ली है या AI जनरेटेड कंटेट इस्तेमाल किया है।
चुनावी विज्ञापन नीति में भी गूगल ने किया बदलाव
टेक दिग्गज ने यह भी बताया कि उसने अपनी चुनावी विज्ञापन नीति में भी बदलाव किया है। इसके तहत अब प्रकाशकों को यह बताना होगा कि क्या उनके विज्ञापनों में डिजिटली जनरेटेड कंटेट है। इसके अलावा सर्च में भी गगूल ने नॉलेज पैनल और फीचर स्निपेट जैसे कुछ गार्डरेल्स शामिल किए हैं, जो डीपफेक और AI जनरेटेड कंटेट का पता लगाते हैं। बता दें कि भारत सरकार भी डीपफेक को लेकर नए कानून बनाने पर विचार कर रही है।