गूगल ने एंड्रॉयड के लिए पेश किया थेफ्ट डिटेक्शन फीचर, जानें इसकी खासियत
गूगल ने एंड्रॉयड यूजर्स के लिए हाल ही में एंड्रॉयड 15 का दूसरा पब्लिक बीटा लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने यूजर्स की गोपनीयता को बेहतर बनाने के लिए नए ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) में एक थेफ्ट डिटेक्शन फीचर दिया है। यह फीचर यूजर्स के लिए ऐसे समय में उपयोगी होगा, जब उनका फोन चोरी हो जाए या कहीं खो जाए। यूजर्स ऐसी स्थिति में आसानी से अपने डिवाइस के डाटा को डिलीट कर सकेंगे जिससे उनकी गोपनीयता सुरक्षित रहेगी।
पुराने वर्जन में भी मिलेगा यह फीचर
रिपोर्ट के अनुसार, एंड्रॉयड में मिलने वाला थेफ्ट डिटेक्शन फीचर इस साल के अंत तक एंड्रॉयड 10 और उसके बाद के सभी OS वर्जन में उपलब्ध कराया जाएगा। यह फीचर के एक बेहतर फैक्ट्री रीसेट सुरक्षा फीचर है, जो चोरों के लिए चोरी किए गए डिवाइस को रीसेट करना और उन्हें फिर से बेचना चुनौतीपूर्ण बनाती है। इससे चोरी के डिवाइस को मालिक की साख के बिना बेचना असंभव हो जाएगा, जिससे चोरी में कमी भी आएगी।
AI का उपयोग करता है यह फीचर
थेफ्ट डिटेक्शन फीचर के कारण चोरी हुआ डिवाइस अपने आप लॉक हो जाता है। गूगल के अनुसार, चोरी का पता लगाने वाला लॉक फीचर चोरी से जुड़ी सामान्य हरकतों की पहचान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करता है, जैसे कि यूजर्स के हाथ से फोन छीनना और भागने का प्रयास करना। यदि इस तरह के व्यवहार का पता चलता है, तो फोन की स्क्रीन स्वचालित रूप से लॉक हो जाती है।