
जालसाज AI से मिनटों में बना रहे हैं फर्जी वेबसाइट, ऐसे में कैसे रहें सुरक्षित?
क्या है खबर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग बढ़ने से साइबर अपराध भी काफी तेजी से बढ़ रहा है। ओकटा नामक एक सुरक्षा कंपनी की रिपोर्ट में बताया गया है कि साइबर जालसाज अब जनरेटिव AI टूल्स की मदद से सिर्फ 30 सेकंड में फर्जी फिशिंग वेबसाइट बना रहे हैं। ये वेबसाइट असली लॉगिन पेज जैसे दिखते हैं और लोगों से उनके यूजरनेम और पासवर्ड जैसी अहम जानकारियां चुराने का खतरा बढ़ा रहे हैं।
साइट
कैसे बन रही हैं फिशिंग साइट?
रिपोर्ट के अनुसार, हैकर्स वेर्सेल नामक कंपनी के v0 टूल की मदद से वेबसाइट बना रहे हैं। यह टूल साधारण भाषा में दिए गए निर्देशों से हूबहू असली जैसी वेबसाइट तैयार कर देता है। हैकर्स इसे इस्तेमाल करके ओकटा, माइक्रोसॉफ्ट 365 और क्रिप्टो प्लेटफॉर्म जैसी सेवाओं की नकली साइटें बना रहे हैं। ये सभी वेबसाइटें असली जैसी दिखती हैं और वेर्सेल के सिस्टम पर होस्ट की जा रही हैं, जिससे पहचानना और मुश्किल हो जाता है।
पहचान
फिशिंग वेबसाइट की पहचान कैसे करें?
फिशिंग वेबसाइट की पहचान करना अब पहले से मुश्किल हो गया है, लेकिन कुछ संकेतों से इन्हें पहचाना जा सकता है। असली वेबसाइट की जगह अजीब URL, अचानक पासवर्ड मांगना, जल्दी क्लिक करने के लिए कहना और भाषा में गड़बड़ी फिशिंग साइट के लक्षण हैं। अगर कोई वेबसाइट असामान्य दिखे, तो उसमें अपनी जानकारी दर्ज न करें। URL को हमेशा ध्यान से पढ़ें और लिंक पर क्लिक करने से पहले साइट की सुरक्षा की पुष्टि करें।
सुरक्षा
कैसे रहें सुरक्षित?
इस तरह की साइबर ठगी से बचने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का इस्तेमाल करें और अपने सभी पासवर्ड सुरक्षित रखें। किसी भी लिंक पर बिना सोचे-समझे क्लिक न करें और हर बार वेबसाइट के URL की जांच करें। भरोसेमंद एंटीवायरस और ब्राउजर सुरक्षा विकल्प का उपयोग करें। अगर कोई लिंक या वेबसाइट अजीब लगे, तो तुरंत वेब ब्राउजर बंद कर दें। जानकारी लीक होने पर तुरंत पासवर्ड बदलें और संबंधित कंपनी से संपर्क करें।