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फर्जी ई-चालान के बढ़ रहे हैं मामले, ये है पहचान और बचाव का तरीका
फर्जी ई-चालान के मामले बढ़ रहे हैं

फर्जी ई-चालान के बढ़ रहे हैं मामले, ये है पहचान और बचाव का तरीका

लेखन रजनीश
Oct 31, 2023
10:57 am

क्या है खबर?

भारत में हाल के दिनों में साइबर अपराध के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक स्थिति है। साइबर अपराधी लोगों को धोखा देने के लिए लगातार नए तरीके विकसित कर रहे हैं। लोगों के साथ फर्जीवाड़ा करने के लिए साइबर अपराधी फर्जी ई-चालान का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे लेकर सरकार ने चेतावनी जारी कर लोगों से सावधान रहने को कहा है। आइये पूरी खबर जानते हैं।

फेक

MeitY ने जारी की चेतावनी

इस तरह के फर्जी ई-चालान से लोगों के मन में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का डर पैदा हो रहा है। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने बढ़ते खतरे के बारे में चेतावनी जारी की है। सोशल मीडिया पर शेयर किया गया एक हालिया अलर्ट सतर्कता की आवश्यकता पर जोर देता है। इसमें कहा गया है, 'सावधान! अगर आपको ट्रैफिक चालान का लिंक मिलता है तो इन लिंक पर क्लिक न करें।'

स्कैम

यातायात नियमों के उल्लंघन पर ही जारी होता है वैध ई-चालान

लोगों से कहा गया है कि फर्जी ई-चालान स्कैम के झांसे में न आएं, आपकी सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी है। बता दें कि ई-चालान स्कैम में जालसाज ट्रैफिक पुलिस द्वारा पूरे भारत में इस्तेमाल किए जाने वाले वैध ई-चालान सिस्टम का दुरुपयोग करते हैं। वैध ई-चालान उन वाहन मालिकों को जारी किए जाते हैं, जो यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं। वैध ई-चालान कटने पर लोगों को मैसेज या ईमेल के जरिए सूचित किया जाता है।

चालान

फर्जी चालान का मैसेज भेजकर अपराधी करते हैं भुगतान की मांग

अपराधी लोगों को ई-चालान कटने का फर्जी मैसेज भेजकर भुगतान की मांग करते हैं। इनके भेजे ई-चालान में पेमेंट लिंक या जुर्माना निपटाने का निर्देश होता है। स्कैम में फंसने वालों को वित्तीय नुकसान के साथ उनके पर्सनल जानकारी की चोरी भी हो सकती है। मंत्रालय ने बताया है कि अपराधी चालान की राशि के ऑनलाइन भुगतान का लिंक देते हैं। उसे वास्तविक दिखाने के लिए RTO कार्यलय के जरिए भी चालान को निपटाने की सलाह देते हैं।

लिंक

फर्जी होती है भुगतान लिंक

मंत्रालय का कहना है कि ऐसे लिंक फर्जी होते हैं और इन पर क्लिक करने वालों के बैंक अकाउंट्स से छेड़छाड़ की जा सकती है। इसलिए ऐसे मैसेज मिलने पर हमेशा सावधानी बरतें और हमेशा वास्तविक लिंक के जरिए ही चालान का भुगतान करें। ध्यान रखें कि आधिकारिक लिंक के अंत में हमेशा gov.in होता है। लिंक की प्रमाणिकता को सत्यापित करने के लिए तुरंत गूगल सर्च का इस्तेमाल करें। वैध ई-चालान में इंजन और चेसिस नंबर आदि होते हैं।

जानकारी

जागरूकता ही है सबसे अच्छा बचाव

फर्जी ई-चालान के बढ़ते खतरों से बचने के लिए आपकी सतर्कता और जागरूकता ही सबसे अच्छा बचाव है। इसलिए किसी भी तरह का ई-चालान मिलने पर पहले उसकी जांच कर लें और आधिकारिक लिंक के जरिए ही चालान का ऑनलाइन भुगतान करें।