ब्रॉडबैंड की बदल गई परिभाषा, अब इतनी स्पीड है जरूरी
क्या है खबर?
अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन (FCC) ने ब्रॉडबैंड की परिभाषा बदल दी है। अब अगर आपके ब्रॉडबैंड कनेक्शन पर 100Mbps से कम डाउनलोडिंग स्पीड मिल रही है तो इसे ब्रॉडबैंड नहीं माना जाएगा।
FCC ने कहा है कि 100Mbps की डाउनलोडिंग और 20Mpbs की अपलोड स्पीड को ही ब्रॉडबैंड कहा जाएगा। अभी तक 2015 में तय हुई परिभाषा में 25Mbps की डाउनलोडिंग और 3Mbps की अपलोड स्पीड को ब्रॉडबैंड माना जाता था।
महत्व
इस परिभाषा का क्या मतलब?
फिलहाल आप जानकारी के लिए इसे याद रख सकते हैं, लेकिन अमेरिका के लिए इसका बड़ा महत्व है।
दरअसल, FCC इसी आधार पर तय करेगा कि वह अमेरिका में ब्रॉडबैंड की खाई को पाटने में कितना सफल या असफल हुआ। साथ ही वह इसी आधार पर ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं पर नजर रखेगा, जो अमेरिका में इंटरनेट का जाल बिछाने में लगे हुए हैं। इसी इंटरनेट स्पीड को आधार मानकर वह इन सेवा प्रदाताओं को पैसे आवंटित करेगा।
इंटरनेट
अमेरिका में क्या है इंटरनेट की स्थिति?
ग्रामीण अमेरिका में करीब 28 प्रतिशत नागरिकों के पास ब्रॉडबैंड कनेक्शन की सुविधा नहीं है और आदिवासी क्षेत्र में रह रहे करीब 23 प्रतिशत लोग इस सुविधा से वंचित हैं।
5G कनेक्टिविटी की भी बात करें तो करीब 9 प्रतिशत अमेरिकी नागरिकों के पास यह पूरी स्पीड के साथ उपलब्ध नहीं है। आदिवासी क्षेत्र में यह संख्या 20 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। करीब 4.5 करोड़ लोगों के पास किसी भी जरिये से इंटरनेट पूरी स्पीड में नहीं पहुंचता है।