NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / क्या अंतरिक्ष यात्रा में इंसानों की जगह ले सकते हैं AI रोबोट?  
    अगली खबर
    क्या अंतरिक्ष यात्रा में इंसानों की जगह ले सकते हैं AI रोबोट?  
    वैज्ञानिकों का कहना है कि रोबोट अंतरिक्ष खोज में बेहतर हैं (तस्वीर: नासा)

    क्या अंतरिक्ष यात्रा में इंसानों की जगह ले सकते हैं AI रोबोट?  

    लेखन बिश्वजीत कुमार
    Dec 31, 2024
    10:07 am

    क्या है खबर?

    नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सूर्य के सबसे करीब पहुंचकर नया इतिहास रच दिया।

    यह यान बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के 1000 डिग्री सेल्सियस तापमान में काम करते हुए सूर्य के रहस्यों और अंतरिक्ष मौसम को समझने का प्रयास कर रहा है।

    BBC की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों का कहना है कि रोबोट अंतरिक्ष खोज में बेहतर हैं, क्योंकि वे अधिक दूरी तक जाते हैं, कम लागत वाले होते हैं और जोखिम रहित हैं।

    सवाल

    मनुष्यों की भूमिका पर सवाल

    रोबोट के विकास से अंतरिक्ष में मानव भेजने की जरूरत पर सवाल उठ रहे हैं।

    विशेषज्ञों का मानना है कि रोबोट विज्ञान और खोज के लिए अधिक सक्षम हैं। हालांकि, मनुष्यों का अंतरिक्ष में जाना प्रतिष्ठा, खोज की इच्छा और साहस का प्रतीक है।

    अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर किए गए शोध और प्रयोग विज्ञान को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। भविष्य में, तकनीक का उन्नत होना तय है, लेकिन मनुष्यों का योगदान अनिवार्य रूप से हमेशा महत्वपूर्ण रहेगा।

    चुनौतियां

    रोबोट की क्षमताएं और चुनौतियां

    रोबोट अंतरिक्ष में उन स्थानों पर अध्ययन कर सकते हैं, जहां मनुष्यों का पहुंच पाना मुश्किल होता है।

    राइस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. केली वेनरस्मिथ का कहना है कि मनुष्य अधिक बहुमुखी होते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में उन्हें जिंदा रखना महंगा और कठिन है।

    रोबोट को हाइड्रेशन या नींद जैसी जरूरतें नहीं होतीं, लेकिन उनकी गति धीमी होती है। उदाहरण के लिए, मंगल ग्रह पर रोवर बहुत मुश्किल से 0.1 मील प्रति घंटे की गति से चलता है।

    काम

    मानव जैसे रोबोट और उनका कार्य 

    नासा के मानव जैसे रोबोट, जैसे वाल्कीरी और रोबोनॉट, अंतरिक्ष में कठिन कार्य करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।

    वाल्कीरी का वजन 300 पाउंड है और यह जटिल कार्यों में सक्षम है।

    रोबोनॉट को 2011 में ISS पर भेजा गया, जहां इसने अंतरिक्ष यात्रियों के समान कार्य किए, जैसे कि असेंबली और रखरखाव।

    इस तरह के रोबोट अंतरिक्ष मिशनों में मानव कार्यों को सरल बनाते हैं और विज्ञान को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।

    सहयोग

    रोबोट का मानवों के साथ सहयोग 

    नासा के विशेषज्ञ डॉ शॉन अजीमी के अनुसार, रोबोटों का उपयोग मानव खोजकर्ताओं के साथ सहयोग करने के लिए किया जा सकता है, न कि उनकी जगह लेने के लिए।

    कुछ रोबोट जैसे क्यूरियोसिटी रोवर मंगल पर अपने आप से विज्ञान कार्य करते हैं, जैसे चट्टानों की जांच करना और डाटा भेजना।

    हालांकि, उनकी गति धीमी होती है और वे प्रेरणा जैसे मानवीय गुणों की कमी रखते हैं, जो ब्रह्मांडीय खोज को प्रेरित करते हैं।

    भूमिका 

    मंगल ग्रह पर मानवता की भूमिका 

    नासा और स्पेस-X की योजनाओं के अनुसार, मनुष्य जल्द ही चंद्रमा और मंगल ग्रह की ओर यात्रा करेंगे।

    स्पेस-X के CEO एलन मस्क का मानना है कि मंगल पर कॉलोनी स्थापित करना आवश्यक है, ताकि पृथ्वी पर आपातकालीन स्थिति में मानवता का अस्तित्व बना रहे।

    हालांकि, मंगल पर जीवन की संभावनाएं और वहां रहने के कठिनाइयों को लेकर कई सवाल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस दिशा में हमें अपने प्रयासों को संतुलित करना चाहिए।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    नासा
    अंतरिक्ष
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

    ताज़ा खबरें

    आपके आधार कार्ड का कोई कर रहा दुरुपयोग? जानिए कैसे लगाएं पता आधार कार्ड
    सोनू निगम मीडिया पर भड़के, कहा- सठिया गए हैं क्या, एक ही बात कितनी बार बताऊं? सोनू निगम
    टी-20 क्रिकेट: एक कैलेंडर वर्ष में इन गेंदबाजों ने झटके हैं सबसे ज्यादा विकेट  टी-20 क्रिकेट
    प्रधानमंत्री ने किया अमृत भारत स्टेशनों का शुभारंभ; ये क्यों खास, आम स्टेशनों से कितने अलग? नरेंद्र मोदी

    नासा

    नासा ने जारी किया अलर्ट, इस हफ्ते पृथ्वी के करीब पहुंचेंगे 2 बड़े एस्ट्रोयड  एस्ट्रोयड
    बजट की कमी से जूझ रही नासा, करने जा रही सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी छंटनी
    सुनीता विलियम्स से पहले इन लोगों को अंतरिक्ष में स्वास्थ्य समस्याओं का करना पड़ा है सामना सुनीता विलियम्स
    सुनीता विलियम्स ने स्वास्थ्य समस्याओं के दावों का किया खंडन, कहा- पूरी तरह स्वस्थ हूं  सुनीता विलियम्स

    अंतरिक्ष

    नए स्पेस स्टेशन के लिए जेफ बेजोस खर्च करेंगे करीब 8,500 अरब रुपये जेफ बेजोस
    ISRO ने लॉन्च किया ESA का प्रोबा-3 मिशन, सूर्य का किया जाएगा अध्ययन  ISRO
    विशाल आकाशगंगाओं का कैसे हुआ निर्माण? जल्द रहस्य सुलझा सकते हैं वैज्ञानिक टेक्नोलॉजी
    नासा के आर्टेमिस-2 मिशन को 2026 तक के लिए टाला गया, यहां जानिए वजह नासा

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

    आईफोन यूजर्स के लिए गूगल ने जेमिनी ऐप किया लॉन्च गूगल
    ब्लूस्काई की नीति एक्स के विपरीत, यूजर्स के पोस्ट से नहीं करेगी AI को प्रशिक्षित ब्लूस्काई
    गूगल डॉक्स पर काम करना होगा और आसान, यूजर्स AI से बना सकेंगे तस्वीरें गूगल
    नासा का सुपर कंप्यूटर इस तरह ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने में कर रहा मदद नासा
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025