व्हाट्सऐप में आई बड़ी खामी, तुरंत अपडेट करें ऐप नहीं तो हो सकता है नुकसान
अगर आप अपने फोन को हैक होने से बचाना चाहते हैं तो तुरंत व्हाट्सऐप को अपडेट कर लें। जी हां, फेसबुक के मालिकाना हक वाली व्हाट्सऐप अपने कई यूजर्स को यह मैसेज भेज रही है। दरअसल, कंपनी के सिस्टम में गंभीर खामी आई है। हफ्तों से चल रही इस खामी के कारण हैकर्स व्हाट्सऐप वॉइस कॉल के जरिए यूजर्स के फोन में स्पाईवेयर इंजेक्ट कर सकते हैं। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
वॉइस कॉल के जरिए फैल रहा है स्पाईवेयर
फाइनेंशियल टाइम्स ने रिपोर्ट किया था कि व्हाट्सऐप में आई खामी का फायदा उठाकर हैकर्स स्पाईवेयर फैला रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह मलिशियर कोड इजरायल की साइबर इंटेलीजेंस कंपनी NSO ग्रुप ने डेवलप किया है और यह व्हाट्सऐप कॉल के जरिए एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस पर भेजा जा रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप ऐप को अपडेट नहीं करते हैं तो हैकर्स स्पाईवेयर इंजेक्ट कर आपके फोन का डाटा उड़ा सकता है।
कॉल नहीं उठाने पर भी प्रभावित होगा फोन
यह स्पाईवेयर इतना दमदार है कि एक वॉइस कॉल के साथ ही यह आपके फोन में इंजेक्ट हो जाएगा। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि आपने उस कॉल का जवाब दिया है या नहीं।
कॉल लॉग में नहीं दिखती कॉल
हैकर्स ने बड़ी चतुराई से इस स्पाईवेयर को तैयार किया है। जैसे ही ऐसी कोई कॉल आपके फोन पर आती है, यह तुरंत ही कॉल लॉग से गायब हो जाती है। इसका मतलब यह हुआ कि जब कॉल लॉग में आप इस कॉल की डिटेल देखने जाएंगे, यह आपको वहां से गायब मिलेगी। इस वजह से आपको पता नहीं लग पाएगा कि यह कॉल कहां से आई। हाल के दिनों में व्हाट्सऐप पर आने वाला यह सबसे खतरनाक हमला है।
व्हाट्सऐप ने की ऐप अपडेट करने की अपील
व्हाट्सऐप को महीने की शुुरुआत में इस खामी का पता चला था, जिसके बाद बीते शुक्रवार को इसे सुधारा गया। सोमवार को इसका नया वर्जन जारी किया गया है। कंपनी ने अपने यूजर्स से अपील की है कि वो ऐप को जितना जल्दी हो सके, अपडेट कर लें। हालांकि कंपनी ने इस स्पाईवेयर से प्रभावित यूजर्स की संख्या नहीं बताई है और न ही यह जानकारी मिली है कि इससे फोन पर क्या असर पड़ता है।
कानूनी एजेंसियों को दी गई जानकारी
व्हाट्सऐप ने इस मामले को लेकर अमेरिकी कानूनी एजेंसियों को सूचना दे दी है जो इससे हुए नुकसान का स्तर पता लगा रही है। इसी बीच NSO ग्रुप ने इसमें शामिल होने की बात से इनकार किया है। ग्रुप ने कहा कि वह कभी भी अपनी तकनीक को किसी व्यक्ति या कंपनी को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा। बता दें, इस ग्रुप को सरकारों और खुफिया एजेंसियों को स्पाईवेयर बेचने के लिए जाना जाता है।
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