अमेरिका: भारतीय मूल के प्रोफेसर को मिला टेक्सास का सबसे बड़ा अकादमिक पुरस्कार
भारतीय मूल के कंप्यूटर इंजीनियर और प्रोफेसर डॉ अशोक वीराराघवन को टेक्सास के सबसे बड़े अकादमिक पुरस्कार एडिथ एंड पीटर ओ' डोनेल से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार देने वाली टेक्सास एकेडमी और मेडिसिन, इंजीनियरिंग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी (TAMEST) ने बताया कि वीराराघवन को यह सम्मान उनकी क्रांतिकारी इमेजिंग टेक्नोलॉजी के लिए दिया जा रहा है। बता दें कि यह सम्मान हर साल अलग-अलग क्षेत्रों में महत्वूपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल करने वाले शोधकर्ताओं को दिया जाता है।
सम्मान पाकर क्या बोले डॉ वीराराघवन?
सम्मान पाने से गदगद डॉ वीराराघवन ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि यह पिछले एक दशक में राइस यूनिवर्सिटी के कंप्यूटेशनल इमेजिंग लैब में छात्रों और शोधकर्ता वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शानदार काम की पहचान है। बता दें कि वीराराघवन राइस यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल एंड कंप्यूटर इंजीनियर विभाग में प्रोफेसर हैं। वह 2010 में इस यूनिवर्सिटी से जुड़े थे और 2017 में उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर बना दिया गया। 2020 में वो प्रोफेसर बने।
मूल रूप से चेन्नई के रहने वाले हैं डॉ वीराराघवन
मूल रूप से चेन्नई के रहने वाले डॉ वीराराघवन IIT-मद्रास से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद वो मास्टर डिग्री के लिए विदेश चले गए। उन्होंने मैरीलैंड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स और Ph.D की पढ़ाई पूरी की। वीराराघवन पिछले काफी समय से कंप्यूटेशनल इमेजिंग, कंप्रीहेन्सिव सेंसिंग फॉर इमेजिंग, सिग्नल प्रोसेसिंग, कंप्यूटर विजन, डाटा साइंस और न्यूरो-इंजीनियरिंग सिस्टम पर काम कर रहे हैं। उन्होंने एक सेंसर चिप भी बनाई है, जो किसी आकार को पहचानकर फोटो बनाने में सक्षम है।