AI के लिए कंपनियों की पानी की खपत चिंताजनक स्तर तक बढ़ी
टेक क्षेत्र में आजकल हर तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की चर्चा है। यह काम को आसान बना रही है, लेकिन इसके पीछे पानी और बिजली की जरूरत कई गुना बढ़ गई है। दरअसल, AI जैसी टेक्नोलॉजी को बहुत संसाधनों की जरूरत होती है। हालिया AI बूम के कारण माइक्रोसॉफ्ट की पानी की जरूरत 34 प्रतिशत, गूगल की 22 प्रतिशत और मेटा की 3 प्रतिशत बढ़ गई है। अब ये कंपनियां पहले से कहीं अधिक पानी की खपत कर रही हैं।
किस कंपनी की कितनी खपत?
2022 में माइक्रोसॉफ्ट ने 2,200 करोड़ लीटर पानी की खपत की, वहीं गूगल की खपत 600-700 करोड़ लीटर रही। मेटा की बात करें तो फेसबुक के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने करीब 200 करोड़ लीटर पानी का इस्तेमाल किया। पिछले साल इस खपत में और इजाफा हुआ है। इन कंपनियों ने 2030 तक अपनी खपत से ज्यादा पानी इकोसिस्टम में वापस लौटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। फिर भी इस मामले में पारदर्शिता की मांग लगातार बढ़ रही है।
पानी की मात्रा को लेकर जताई जा रही चिंता
कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के मुताबिक, लंबे सूखे और पेयजल की बढ़ती समस्याओं के कारण कंपनियों को अपने AI मॉडल के लिए पानी की जरूरत का खुलासा करना चाहिए। जानकारों का कहना है कि AI की बढ़ती मात्रा के कारण पानी की खपत बढ़ती जाएगी। बता दें कि इन कंपनियों को अपने डाटा सेंटर के तापमान को तय स्तर पर बनाए रखने के लिए भारी मात्रा में पानी की जरूरत होती है।