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धोखाधड़ी रोकने के लिए एयरटेल ने जियो और Vi से मांगा सहयोग, रखा यह प्रस्ताव 
एयरटेल ने धोखाधड़ी रोकने के लिए जियो और Vi से सहयोग मांगा है (तस्वीर: एक्स/@airtelindia)

धोखाधड़ी रोकने के लिए एयरटेल ने जियो और Vi से मांगा सहयोग, रखा यह प्रस्ताव 

May 25, 2025
07:23 pm

क्या है खबर?

भारती एयरटेल ने देश में टेलीकॉम धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एक संयुक्त योजना पेश की है। कंपनी ने इसके लिए रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया (Vi) से सहयोग मांगा है। यह प्रस्ताव इस साल 17 लाख से अधिक साइबर अपराध की शिकायतों और 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय नुकसान की रिपोर्ट के बाद आया है। एयरटेल रियल-टाइम इंटेलिजेंस शेयरिंग और क्रॉस-नेटवर्क समन्वय से घोटालों का पता लगाना, रोकना और उन्हें कम करना चाहती है।

प्रस्ताव 

TRAI को कराया अवगत 

एयरटेल ने सरकार और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) को पत्र लिखकर सूचित किया है। इसमें बताया है कि उसने धोखाधड़ी और घोटालों के बढ़ते खतरे के खिलाफ टेलीकॉम सेक्टर को एकजुट करने के उद्देश्य से एक संयुक्त पहल के प्रस्ताव के साथ रिलायंस जियो और Vi से संपर्क किया है। वह सभी दूरसंचार ऑपरेटर्स से कमजोर व्यक्तियों को निशाना बनाने वाले भ्रामक और घोटालों के बढ़ते खतरे को दूर करने में सहयोग करने का आग्रह कर रहा है।

कारण 

कंपनी ने बताया क्यों जरूरी है समन्वय?

एयरटेल ने TRAI को लिखे पत्र में कहा, "हाल ही में फिशिंग प्रयासों और खतरनाक URL-आधारित घोटालों में अप्रत्याशित व्यक्तियों को लक्षित करने की चिंताजनक वृद्धि को देखते हुए स्पष्ट हो गया है कि उद्योग में समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है।" आगे कहा है कि ये धोखाधड़ी के प्रयास टेलीकॉम कंपनियों के बीच समन्वय की कमी का फायदा उठाते हैं।" अक्टूबर, 2024 में उसने अनचाही वाणिज्यिक संचार (UCC) की समस्या से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास का प्रस्ताव रखा था।

प्रयास 

एयरटेल ने किए ये प्रयास 

साइबर अपराध की शिकायतों में वृद्धि साइबर अपराधियों द्वारा उपयोग किए जा रहे नए-नए तरीकों के कारण है, जिसमें फिशिंग लिंक, नकली लोन प्रस्ताव और धोखाधड़ी वाले भुगतान शामिल हैं। इनसे डिजिटल धोखाधड़ी और पहचान की चोरी के मामलों में वृद्धि हुई है। इस चिंताजनक प्रवृत्ति के मद्देनजर एयरटेल ने OTT ऐप और प्लेटफॉर्म पर हानिकारक साइट्स को ब्लॉक करने के लिए धोखाधड़ी का पता लगाने वाले समाधान को तैनात करके डिजिटल घोटालों के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाया है।