दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता कौन हैं? जानें पार्षद से मुख्यमंत्री तक का सियासी सफर
क्या है खबर?
दिल्ली को 27 साल बाद भाजपा का मुख्यमंत्री मिल गया है। रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।
भाजपा विधायक दल की बैठक में रेखा को मुख्यमंत्री चुना गया है। पर्यवेक्षक चुने गए रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़ ने इसकी जानकारी दी है।
वे 20 फरवरी को रामलीला मैदान में एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी।
आइए रेखा गुप्ता के बारे में जानते हैं।
विधायक
कौन हैं रेखा गुप्ता?
रेखा शालीमार बाग सीट से विधायक चुनी गई हैं। वे फिलहाल दिल्ली भाजपा की महासचिव और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
उन्होंने अपना राजनीतिक सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से शुरू किया था।
छात्र राजनीति के दौरान ही वे दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में सचिव चुनी गई थीं।
वे मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं, लेकिन जब वे 2 साल की थीं, तब उनका परिवार दिल्ली आ गया था।
राजनीतिक सफर
कैसा रहा रेखा का राजनीतिक सफर?
रेखा ने 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव लड़ा था और अध्यक्ष बनीं।
2003-04 में वे भाजपा युवा मोर्चा की दिल्ली इकाई में सचिव पद पर रहीं।
2004 से 2006 तक वे भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव रहीं।
2007 में उत्तर पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं।
2009 में दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव बनीं।
2010 में भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य की जिम्मेदारी दी।
चुनाव
2015 और 2020 का चुनाव हार चुकी हैं रेखा
रेखा दक्षिण दिल्ली नगर निगम की महापौर भी रह चुकी हैं।
2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
2015 में शालीमार बाग सीट से उन्हें आम आदमी पार्टी (AAP) की वंदना कुमारी ने करीब 11 हजार वोटों से हराया था।
2020 में वंदना ने दोबारा रेखा को करीब 3,400 वोटों से दूसरी बार हराया था।
हालांकि, हालिया विधानसभा चुनाव में रेखा ने वंदना को बड़े अंतर से हराया है।
बयान
रेखा ने कहा- दिल्ली में एक नया अध्याय शुरू होगा
मुख्यमंत्री चुने जाने से पहले रेखा ने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि भाजपा के मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली में एक नया अध्याय शुरू होगा। दिल्ली बहुत सारे विकास कार्यों के साथ एक नई कहानी लिखेगी, लोगों को अधिकार मिलेंगे, सभी काम होंगे। कल के शपथ ग्रहण समारोह के लिए बहुत उत्साह है। लोग इसमें शामिल होना चाहते हैं। 26 साल बाद दिल्ली अपनी क्षमता का एहसास करने के लिए तैयार है। हमारे पास बहुत सारी विकास योजनाएं हैं।"