सिक्किम में SKM को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले प्रेम सिंह तमांग कौन हैं?
क्या है खबर?
सिक्किम के विधानसभा चुनावों में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) ने 32 में से 31 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज की है।
SKM के प्रमुख और वर्तमान मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग लगातार दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
उन्होंने 2 विधानसभा सीटों पर बड़ी जीत दर्ज की है। उनकी पार्टी SKM ने विपक्ष का लगभग सफाया कर दिया है।
आइए जानते हैं कि प्रेम सिंह तमांग कौन हैं।
शिक्षक
नेता बनने से पहले शिक्षक थे तमांग
तमांग का जन्म 5 फरवरी, 1968 को पश्चिम सिक्किम के सिंग्लिंग बस्टी में हुआ था।
शुरुआती पढ़ाई के बाद तमांग ने दार्जिलिंग के सरकारी कॉलेज से कला की पढ़ाई की।
इसके बाद वे सरकारी शिक्षक नियुक्त हुए और स्कूल में पढ़ाने लगे। हालांकि, सामाजिक कार्यों में रुचि के चलते शिक्षण कार्य में उनका मन नहीं लगा और 3 साल में ही नौकरी छोड़कर सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) में शामिल हो गए।
SDF
SDF के चामलिंग को मानते थे राजनीतिक गुरु
SDF में शामिल होने के बाद तमांग ने 1994 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद वे लगातार 5 बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए।
इस दौरान वे पशुपालन, चर्च, उद्योग विभाग, भवन एवं आवास विभाग समेत कई मंत्रालयों के मंत्री रहे।
तमांग SDF के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। वे करीब 15 साल यानी 2009 तक SDF में रहे।
मोहभंग
तमांग का SDF से क्यों हुआ मोहभंग?
2009 में सिक्किम के कर्मचारियों द्वारा रोलू पिकनिक कार्यक्रम को लेकर SDF ने कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
माना जाता है कि यहीं से तमांग का SDF से मोहभंग हो गया था। इसके बाद वे कई मामलों पर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खड़े दिखाई दिए।
कहा जाता है कि 2009 में पार्टी ने उन्हें मंत्री पद देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद तमांग ने खुद की पार्टी बनाने का फैसला लिया।
SKM
2013 में बनाई SKM
4 फरवरी, 2013 को तमांग ने अपनी नई पार्टी SKM का गठन किया और भारती शर्मा को इसका अध्यक्ष चुना गया था। वे सिक्किम में किसी राजनीतिक पार्टी की पहली महिला अध्यक्ष थीं।
गठन के अगले ही साल यानी 2014 में SKM ने विधानसभा चुनावों में 10 सीटें जीतीं और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
तमांग ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें एक पर हार का सामना करना पड़ा।
जेल
भ्रष्टाचार के आरोपों में गए जेल
2015 में तमांग पर सरकारी धन की हेराफेरी का आरोप लगा। ये मामला 1994 से 1999 के बीच का था। इस मामले में 2016 में कोर्ट ने तमांग को दोषी करार दिया।
तमांग ने फैसले को सिक्किम हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन राहत नहीं मिली। इस वजह से उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई।
2018 में वे जेल से बाहर आए। तब हजारों की संख्या में मौजूद समर्थकों ने तमांग का स्वागत किया।
इतिहास
2019 में तमांग की पार्टी ने रचा इतिहास
2019 के चुनावों में SKM ने 17 सीटों पर जीत हासिल की और पहली बार राज्य की सत्ता में आई।
SDF को 15 सीटें मिलीं और लगातार 24 साल से सिक्किम की सत्ता पर काबिज चामलिंग की पार्टी को विपक्ष में बैठना पड़ा। तमांग ने बिना चुनाव लड़े पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पोकलोक-कामरांग विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की।