अखिलेश यादव को बड़ा झटका, स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया समाजवादी पार्टी से इस्तीफा
लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (SP) को बड़ा झटका लगा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्य परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले सोमवार को उन्होंने संकेत दिए थे कि वह 22 फरवरी को नए राजनीतिक संगठन या पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। बता दें कि मौर्य पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे थे।
मौर्य ने अपने इस्तीफे में क्या कहा?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने इस्तीफे में लिखा, "आपके (अखिलेश) नेतृत्व में सौहार्दपूर्व वातावरण में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ, लेकिन 12 फरवरी, 2024 को हुई वार्ता और 13 फरवरी को मेरे इस्तीफे के बाद किसी भी प्रकार की वार्ता की पहल न करने के फलस्वरूप मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्याग पत्र दे रहा हूं।" उन्होंने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति को भी एक पत्र लिखकर MLC पद से इस्तीफा दिया है।
क्यों पार्टी से नाराज थे मौर्य?
दरअसल, 13 फरवरी को मौर्य ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पार्टी के नेतृत्व पर उनके साथ भेदभाव करने और रामचरितमानस और अयोध्या के राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर उनके विवादित बयानों का बचाव न करने का आरोप लगाया था। अपना इस्तीफा देते हुए उन्होंने अखिलेश को एक लंबा चौड़ा पत्र भी लिखा था। पत्र में उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में मदद की थी।
मौर्य का जाना अखिलेश के लिए कितना बड़ा झटका?
मौर्य का इस्तीफा SP के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। मौर्य अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के एक बड़े नेता माने जाते हैं और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनके कारण SP का वोट प्रतिशत बढ़ा था। मौर्य ने NDTV से बातचीत में कहा भी था कि उनके कारण ही पार्टी को चुनावों में 10-11 सीटों का लाभ हुआ। अब उनके जाने से लोकसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान हो सकता है।
स्वामी प्रसाद मौर्य बदल चुके हैं 3 पार्टियां
मौर्य इससे पहले 3 बार अपनी पार्टी बदल चुके हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत लोकदल से की थी और फिर वे बहुजन समाज पार्टी (BSP) से जुड़े, जिसमें वे 20 साल तक रहे। इसके बाद उन्होंने साल 2020 में भाजपा का दामन थामा था, लेकिन साल 2022 में वह SP में शामिल हो गए। मौर्य 5 बार विधायक रह चुके हैं और 1996 में वह पहली बार विधायक बने थे। मायावती सरकार में वह मंत्री भी रहे हैं।