सुवेंदु अधिकारी को मिली संदेशखाली जाने की अनुमति मिली, हाई कोर्ट आरोपी से आत्मसमर्पण को कहेगा
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना के हिंसा प्रभावित संदेशखाली में एक और राजनीतिक टकराव देखने को मिल रहा है।
यहां पीड़ितों से मिलने जा रहे भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी और उनके समर्थकों को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद बंगाल पुलिस ने रोक लिया।
हालांकि, इसके बाद हाई कोर्ट की खंडपीठ ने उन्हें संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी, लेकिन वह बिना समर्थकों के अकेले ही जा सकते हैं।
पुलिस कार्रवाई
अधिकारी को पुलिस ने संदेशखाली जाने से पहले ही रोका
दरअसल, कोर्ट का आदेश तब आया जब एक दिन पहले कलकत्ता हाई कोर्ट की अनुमति के बावजूद पुलिस ने अधिकारी को संदेशखाली से 4 किलोमीटर दूर स्थित रामपुर के नस्करपारा में रोक लिया।
उन्हें यह कहते हुए रोका गया कि उनकी यात्रा से ग्रामीण बड़ी संख्या में इकट्ठा हो सकते हैं और तनाव बढ़ सकता है।
इलाके में प्रवेश पर रोक लगाए जाने के बाद भाजपा विधायक शंकर घोष और अधिकारी ने हाई कोर्ट की खंडपीठ का रुख किया था।
जानकारी
घोष को भी मिली संदेशखाली जाने की अनुमति
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कुछ शर्तों के साथ अनुमति दी। अधिकारी के अलावा भाजपा विधायक शंकर घोष को भी संदेशखाली जाने की अनुमति दी गई।
बयान
अधिकारी ने रोके जाने पर क्या कहा था?
अधिकारी ने कहा था, "पुलिस ने मुझे संदेशखली जाने की अनुमति देने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। पुलिस कह रही है कि दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 लागू कर दी गई है और राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का रुख किया है। मैं यहां विरोध प्रदर्शन करूंगा और फिर कोर्ट का रुख करूंगा।"
अधिकारी अब पार्टी समर्थकों के साथ धमाखली में धरने पर बैठ गए हैं।
रोक
पिछले 8 दिनों में तीसरी बार अधिकारी को रोका गया
पिछले 8 दिनों में यह तीसरी बार था जब अधिकारी को संदेशखली क्षेत्र का दौरा करने से रोका गया।
सोमवार को हाई कोर्ट ने अधिकारी को स्थानीय पुलिस स्टेशन के समक्ष एक शपथ पत्र देने का निर्देश दिया था, जिसमें उनकी यात्रा के दौरान कानून और व्यवस्था को बाधित करने वाली गतिविधियों से बचने की बात लिखनी थी।
इसके अलावा अधिकारी को सोमवार शाम तक संदेशखली जाने के प्रस्तावित मार्ग की जानकारी भी देने को कहा गया था।
सुवेंदु
क्या है मामला?
कथित राशन घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक महीने पहले संदेशखाली में शाहजहां शेख के यहां छापा मारा था।
इस दौरान शेख नहीं मिले, लेकिन स्थानीय लोगों ने टीम पर हमला कर दिया, जिसमें अधिकारी चोटिल हुए थे। शेख एक महीने से फरार हैं।
इसके बाद महिलाओं के एक वर्ग ने शेख और उसके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया, जिससे राजनीतिक विवाद बढ़ा।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न का आरोप है।
सरेंडर
कोर्ट ने संदेशखाली मामले के आरोपी को सरेंडर करने को कहा
आज मामले पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी अब भी फरार है, जबकि प्रथम दृष्ट्या में उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।
कोर्ट ने कहा, "हम शेख को आत्मसमर्पण करने के लिए कहेंगे, देखते हैं वह क्या करता है। वह कानून की अवहेलना नहीं कर सकता। यदि एक व्यक्ति पूरी आबादी को फिरौती के लिए बंधक बना सकता है तो राज्य सरकार को उसका समर्थन नहीं करना चाहिए।"