विपक्षी एकता के लिए सोनिया गांधी की बड़ी पहल, अगले हफ्ते बुलाई विपक्षी नेताओं की बैठक
विपक्ष एकता की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अगले हफ्ते प्रमुख विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक के लिए विपक्षी पार्टियों के चार मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। इनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हैं। इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार को भी न्योता दिया गया है।
अन्य पार्टियों को भी साथ लाने की कोशिश कर रही कांग्रेस
सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई यह वर्चुअल बैठक 20 अगस्त को होगी और इसके जरिए दिल्ली में होने वाले विपक्षी नेताओं के लंच या डिनर की नींव तैयार की जा सकती है। कांग्रेस ये लंच आयोजित करने की योजना बना रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कि अन्य विपक्षी पार्टियों को साथ लाने की कोशिश भी की जा रही है ताकि 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को संयुक्त रूप से चुनौती दी जा सके।
संजय राउत ने की बैठक की पुष्टि
शिवसेना सांसद संजय राउत ने बैठक की पुष्टि करते हुए कहा, "विपक्ष एकजुट है। 20 अगस्त को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगी। इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शामिल होंगे।"
लगातार विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रही है कांग्रेस
बता दें कि कांग्रेस कुछ समय से विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में लगी है और मानसून सत्र के दौरान राहुल गांधी विपक्षी नेताओं के साथ बैठक भी कर चुके हैं। वे विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर सरकार को संसद में पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानूनों जैसे मुद्दों पर घेरने में कामयाब रहे हैं और विपक्ष के हंगामे के कारण पूरे सत्र में बहुत अधिक काम नहीं हो पाया।
आज भी राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं के साथ निकाली मार्च
आज भी राहुल गांधी ने मानसून सत्र को तय समय से पहले खत्म करने के लिए विपक्षी नेताओं के साथ मार्च निकाला। मार्च के दौरान राहुल ने कहा, "आज हम आपके साथ (मीडिया) बात करने के लिए आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर बोलने का मौका नहीं दिया गया। यह लोकतंत्र की 'हत्या' है। जहां तक 60 प्रतिशत जनता का सवाल है... उसके लिए कोई संसद सत्र नहीं हुआ है। देश की 60 प्रतिशत आवाज को कुचला गया है।"
2024 लोकसभा चुनाव पर हैं कांग्रेस की निगाहें
अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर में चल रही कांग्रेस के लिए 2024 लोकसभा चुनाव अस्तित्व का सवाल है और इसी कारण वो इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को हराने के लिए अभी से जुट गई है। कांग्रेस के लिए सीधी लड़ाई में भाजपा को हराना बहुत मुश्किल होगा, इसलिए वह अन्य शक्तिशाली क्षेत्रीय पार्टियों को अपने साथ लाने की कोशिश में है और वह अभी तक कुछ हद तक इसमें कामयाब भी रही है।